थाना लालगंज से RK चौधरी की रिपोर्ट .
ATHNEWS 11 GROUP कुदरहा - विद्युत उपकेंद्र शंकरपुर और बहादुरपुर को 33 केवी की आपूर्ति करने के लिए नयी लाइन बनाई जा रही है। जिसका कार्य सितम्बर माह के अंत तक पूर्ण होने के बाद शंकरपुर उपकेंद्र को महसो और बहादुरपुर उपकेन्द्र को गिदही ट्रांसमिशन के बजाए 132 केवी कलवारी ट्रांसमिशन से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए दोनों नयी लाइनों को बनाने में करीब दो करोड़ पचहत्तर लाख रुपये का बजट स्वीत हुआ हैं दोनों लाइनों पर निर्माण कार्य चल रहा है।शंकरपुर उपकेंद्र की 33 केवी की सप्लाई महसो से किया जाता है। बरसात के दिनों में फाल्ट होने पर कैदहवाताल, कुआनो, मनवार नदी में पानी भरा होने के साथ-साथ गन्ना धान की खड़ी फसलों में फाल्ट को ठीक करने में कई दिन बीत जाते है। खेतों से होकर गुजरने वाली 33 केवी की इस लाइन का फाल्ट ढूंढने और उसे ठीक करने में काफी समस्या होती है। वर्षा में पोल तक पहुंचना और उसे बदलना कठिन हो जाता है। जिससे उपभोक्ताओं को निर्वाध बिजली आपूर्ति नहीं मिल पाती थी। नई लाइन शंकरपुर उपकेंद्र से रामजानकी मार्ग के किनारे कलवारी तक लगभग 277 पोल लगने हैं जिसमें सीमेंट और लोहे के लगभग 160 पोल लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। ढाई सौ से अधिक पोल लगाकर सीधे उपकेंद्र को कलवारी से 33 केवी सप्लाई दी जाएगी। दूरी काफी कम होने से फाल्ट ढूढने में आसानी के साथ ही लो वोल्टेज की समस्या भी दूर होगी। शंकरपुर उपकेन्द्र से लालगंज गायघाट और कुदरहा फीडर के लगभ 175 गांव के दस हजार पाँच सौ उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाती है। गिदही ट्रांसमिशन से खीचे गए 33 केवी की लाइन से बहादुरपुर, नगर व गोटवा उपकेंद्र को आपूर्ति होती है। करीब 30 किलोमीटर लंबी लाइन तथा तीन उपकेंद्रों का लोड़ होने के कारण फाल्ट व लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। लेकिन अब शंकरपुर और बहादुरपुर उपकेन्द्र को सीधे कलवारी 132 केवी ट्रांसमिशन से 33 केवी की आपूर्ति होगी। इसके लिए दो करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। दो कार्यदायी संस्था किंग एसोसिएट और टैग सिस्टम पोल लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। सितम्बर माह के अन्त तक कार्य पूरा किया जाना है। नयी लाइन खेतों से होकर जाने के बजाए सड़क की पटरी के किनारे से दौडाई जा रही है। जिससे हर पोल तक किसी भी समय आसानी से पहुंचा जा सके और उसे ठीक किया जा सके। पोल तक संसाधनों को पहुंचाने में समस्या न खड़ी हो। 277 पोल की इस लाइन के बन जाने से आपूर्ति करने वाले ट्रांसमिशन की दूरी 30 से घट कर साढ़े बारह किलोमीटर हो जाएगी। जिससे उपकेंद्र से जुड़े करीब दोनों उपकेंद्रों से 355 गांव के बीस हजार उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगा। दोनो फीडरों पर लगभग दो सौ पचहत्तर से अधिक पोल खड़े किए जा चुके हैं।
