रोहतास ब्यूरो अंगद जी पाठक की रिपोर्ट।
शिव सागर /रोहतास :-बड्डी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड्डी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अंकुश कुमार (उम्र लगभग 8 वर्ष) अपने पिता के बाहर रहने और मां की लगभग छह माह पूर्व मृत्यु के बाद अत्यंत दयनीय स्थिति में रह रहा है। बताया जाता है कि भूख लगने पर कुछ खाने की तलाश में वह अपने घर के बगल में चला गया था।
ग्रामीणों द्वारा बच्चे को पकड़कर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए बच्चे को उसके चाचा के सुपुर्द कर दिया।
लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह मानवता को शर्मसार करने वाला है।
आरोप है कि थाने से लौटने के क्रम में बच्चे के चाचा एवं चाची ने बेरहमी की सारी हदें पार कर दीं। लोहे की छड़ को लाल कर मासूम के हाथ-पैर, गलफड़ और मुंह के अंदर तक दाग दिया गया, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया।
बताया जा रहा है कि जब ग्रामीणों को इस अमानवीय कृत्य की जानकारी हुई और वे जुटने लगे, तब कहीं जाकर बच्चे को छोड़ा गया।
हैरान करने वाली बात यह है कि— बच्चे को अब तक किसी भी प्रकार का चिकित्सीय उपचार नहीं कराया गया है उसे घर में ही बंद कर रखा गया है
आरोपी चाचा संतोष बैठा, वर्तमान में टोला सेवक (शिक्षा सेवक) के पद पर सतीवाढ़ प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित हैं
चाची सीमा देवी, जीविका से जुड़ी हुई हैं और सीएम के पद पर कार्यरत बताई जा रही हैं
इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र और बाल संरक्षण व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मासूम की हालत नाजुक बताई जा रही है और तत्काल इलाज व सुरक्षा की सख्त जरूरत है।
ग्रामीणों एवं सामाजिक संगठनों की मांग है कि— बच्चे को तुरंत चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जाए
दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो पीड़ित बच्चे को बाल संरक्षण समिति की निगरानी में सुरक्षित स्थान पर रखा जाए यह मामला सिर्फ एक बच्चे की यातना का नहीं, बल्कि समाज और सिस्टम की संवेदनहीनता का आईना है।
बच्चे के मौसा के द्वारा लिखित आवेदन थाने मे दिया जाने की बात को पुष्टि रोहतास पुलिस कप्तान के द्वारा किया है
