पटना:- ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान (एलएनएमआई) में सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, संस्थान के निदेशक डॉ. एस. सिद्धार्थ (भा.प्र.से) तथा कुलसचिव सुधीर कुमार (बि.प्र.से) उपस्थित रहे।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, निदेशक और कुलसचिव ने संयुक्त रूप से संपन्न किया। अपने संबोधन में वक्ताओं ने राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने और योग्य शिक्षकों को अवसर प्रदान करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार सरकार उच्च शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि योग्य शिक्षकों की नियुक्ति से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्राप्त होंगे।
संस्थान के निदेशक डॉ. एस. सिद्धार्थ (भा.प्र.से) ने कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने बताया कि संस्थान के 52 वर्षों के इतिहास में पहली बार सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई है, जो गौरव का विषय है। उन्होंने नव नियुक्त शिक्षकों को उनके दायित्वों के प्रति प्रेरित किया और शिक्षा में उत्कृष्टता की आवश्यकता पर बल दिया।
कुलसचिव सुधीर कुमार (बि.प्र.से) ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना तथा शिक्षकों को उनके कार्य में हर संभव सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति समारोह शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे अपने ज्ञान और अनुभव को छात्रों तक पहुंचा सकें।
इस अवसर पर चयनित सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने शिक्षकों को उनके नए दायित्वों के लिए प्रेरित किया और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता पर बल दिया।
कार्यक्रम में कई शिक्षाविद, सरकारी अधिकारी और अन्य सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे। समारोह के अंत में नव नियुक्त शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त की और राज्य में शिक्षा के विकास में सक्रिय योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई।
यह आयोजन बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित करने वाला सिद्ध हुआ और शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। यह आयोजन राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।