गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
एटीएच न्यूज़ 11:- युवा छात्र बेरोजगार के साथ तुगलकी फरमान जारी कर धोखा दे रही है झारखंड सरकार जे टेट शिक्षक बहाली में और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में नागपुरी कुड़ुख भाषाओं को प्राथमिकता का देने का फरमान जारी करने से लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलावाड़ किया जा रहा है झारखंड में विशेष रूप से पूरे पलामू प्रमंडल के तीन जिला गढ़वा पलामू लातेहार के प्रकृति में ही हिंदी भोजपुरी मगही गांव देहात से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी बोली जाती है पढ़ी जाती है और स्कूलों में पढ़ाई भी होती है फिर किस कारण सरकार में बैठे लोग ऐसी तुगलकी फरमान जारी कर युवा के भविष्य को जान बुझ कर अंधेरे में डाल रहे हैं ऐसी तुगलकी फरमान जारी करने से पहले पलामू प्रमंडल के स्कूलों में जानकारी हासिल करना चाहिए था कि नागपुरी कुड़ुख भाषाओं आदि भाषाओं की पढ़ाई होती है कि नहीं या इन भाषाओं के शिक्षक भी है या नहीं सरकार जानबूझकर पलामू प्रमंडल के युवाओं को रोजगार से वंचित रखने का काम कर रही है माननीय राज्य सभा सांसद आदित्य साहू पूर्व मंत्री विधायक भानु प्रताप शाही बिरांची नारायण सिंह जी सांसद विद्यायक द्वारा सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में उठाया गया यह कदम पलामू प्रमंडल के युवाओं के हित में है पलामू प्रमंडल की युवा बेरोजगार की ओर से महा महिम राज्यपाल महोदय से आग्रह है कि राज्य सरकार की इस तुगलकी फरमान को संज्ञान में लेते हुए इस आदेश को वापस कराया जाय और पलामू प्रमंडल की प्रतियोगी परीक्षाओं में नागपुरी कुड़ुख भाषाओं को खत्म कर जिला की भाषा मगही भोजपुरी को शामिल कराया जाय।