महराजगंज:-दरअसल ग्लोबल वार्मिंग से वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेज की मात्रा बढ़ रही है, जो समुद्र का तापमान बढ़ा रही है। इससे देश में गर्मी बढ़ रही है। वहीं जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट साइकिल भी समुद्र के तापमान में बदलाव कर रहा है।डेटा, मार्च 2025 के लिए सामान्य से अधिक तापमान के आईएमडी के पूर्वानुमानों के साथ मिलकर एक सतत पैटर्न की ओर इशारा करता है। विशेष रूप से, क्लाइमेट सेंट्रल द्वारा उनके क्लाइमेट शिफ्ट इंडेक्स (सीएसआई) का उपयोग करके किए गए शोध से पता चला है कि भारत में हाल ही में हुई गर्मी की घटनाएँ मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण काफी अधिक होने की संभावना है।गर्मी से संबंधित बीमारियों में हीट स्ट्रोक, हीट थकावट, हीट क्रैम्प और हीट रैश शामिल हैं। हीट स्ट्रोक और हीट थकावट में शरीर का असामान्य रूप से उच्च तापमान (हाइपरथर्मिया) शामिल होता है और इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है।गर्मी से होने वाली बीमारी निम्नलिखित में से एक या अधिक चिकित्सीय स्थितियां हो सकती हैं। गर्मी से होने वाले दाने, गर्मी से होने वाली ऐंठन, बेहोशी, गर्मी से थकावट और हीटस्ट्रोक ।शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी से हो सकती हैं दिक्कतें, निपटने के लिए... ठंडे लिक्विड पिएं , ठंडे पानी से नहाएं ,हल्के और ढीले कपड़े पहनें ,कूलिंग पैक का इस्तेमाल करें , कैफीनयुक्त या मीठे ड्रिंक्स से बचें , नियमित रूप से पानी पिएं , ठंडे तापमान में आराम करें ,हाइड्रेटिंग फल और सब्जियां खाएं।
प्रभारी महराजगंज
कैलाश सिंह.
