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शेरशाह कॉलेज में एआई विषय पर सेमिनार का हुआ आयोजन, वक्ताओं ने रखे अपने विचार...






सासाराम:-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ही भविष्य है. क्योंकि इसका इस्तेमाल हमारी डेली लाइफ में बहुत कॉमन हो चुका है और इसको नजरअंदाज करना लगभग नामुमकिन है. लगभग हर सोशल साइट, एप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी तकनीक जितनी फैसिनेटिंग है, उतनी ही इसकी पढ़ाई भी. एआई कंप्यूटर साइंस की एडवांस शाखा है, इसलिए इसमें करियर बनाने की भी अपार संभावनाएं हैं. उक्त बातें शेरशाह कॉलेज के बीसीए विभाग के शिक्षक प्रो अनुपम कुमार सिंह ने  कॉलेज सभागार में एआई विषय पर आयोजित सेमिनार में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने छात्रों से कहा कि जब आप भावुक या खुश वाले माइंड से या जिस इमोशनल से कोई रिल्स या कोई वीडियो देखते हैं तो करीब-करीब सभी रील्स उसी प्रकार के आने लगते हैं. आपको लगता है कि यह तो मेरे जज्बातों को समझ रहा है और आप उस सोशल साइट पर न चाहते हुए भी चिपके रह जाते हैं. यह खेल भी एआई का ही है. वह आपके रिल्स या वीडियो के स्क्रॉल  करने की स्पीड से जान जाता है कि आप किस इमोशन में हैं. और इसी का फायदा उठाते हुए कंपनियां आपको अपने ऐड दिखाते हैं. उन्होंने एआई के संबंध में और जानकारी देते हुए कहा कि अगर आप भी एआई के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, मैथ्स और सांख्यिकी यानी स्टैटिसटिक्स में महारत हासिल करना होगा. उन्होंने कहा कि एआई के इस्तेमाल करने के लिए आपको बहुत सी लैंग्वेज और टूल भी सीखने होंगे, जिनमें पाइथन, टेंसरफ्लो, स्कीट लर्न आदि शामिल हैं. इन सब के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.


बीसीए विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक कुमार ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि एआई का भविष्य बहुत ही रोचक है. इस तकनीक को लेकर रोज कुछ नया हो रहा है. आजकल इसके एडवांस और डीप लर्निंग मॉडल्स बहुत तेजी से डेवलप हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल सेल्फ ड्राइविंग कार, मेडिकल डायग्नोसिस, स्मार्ट होम्स, स्टॉक मार्केट एनालिसिस जैसी बहुत सारी चीजों में किया जा रहा है. यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को आकार देने में काफी मददगार साबित हो रहा है. आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में एआई बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने एआई के फायदे और नुकसान पर कहा कि इसके अपने फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हैं. उन्होंने दोनों को विस्तृत तौर पर छात्रों को समझाया.

वहीं इससे पूर्व सेमिनार का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ बेचू प्रसाद सिंह ने दीप जलाकर किया. अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने एआई के इतिहास पर रोशनी डाली और छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को सराहते हुए इस तरह के नए-नए शीर्षक पर सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद छात्र-छात्राओं के ग्रुप ने विषय पर अपनी अपनी प्रस्तुती दी, जिसको ज्यूरी मेंबर्स में शामिल को-ऑडिनेटर आईक्यूएसी सह विभागाध्यक्षा रसायन शास्त्र सह नोडल ऑफिस एआइसीटीई डॉ सुप्रिया कुमारी, विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ राकेश कुमार, विभागाध्यक्ष दर्शनशास्त्र डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने प्रस्तुति के अनुसार नंबर दिए और बेहतर प्रस्तुति देने वालों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत छात्रा ज्योति गुप्ता, खुशी कुमारी, ज्योति कुमारी ने स्वागत गान गाकर किया. मौके पर कॉलेज के पुस्तकालय अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा, राजीव रंजन सिन्हा, डॉ सतीश चंद्र, मनीषा कुमारी, सूरज तिवारी, डॉ विद्या शंकर सहित अन्य मौजूद थे.

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