ATH NEWS 11:-वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारियों को अब गिरफ्तारी का आधार बताने के साथ रसीद भी लेनी होगी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को अपराधियों को ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बारे में बताने के साथ उनसे लिखित रसीद भी लेनी होगी. पहले जीएसटी अधिकारियों को केवल गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताया होता था.सीबीआईसी ने जीएसटी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में गिरफ्तारी और जमानत से संबंधित दिशानिर्देशों में ये संशोधन किए हैं. सीबीआईसी ने कहा, ‘गिरफ्तार किए जा रहे व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में समझाया जाना चाहिए. गिरफ्तारी के साथ लगे हुए पत्र के तौर पर उसे लिखित रूप में भी दिया जाना चाहिए. गिरफ्तारी ज्ञापन को लागू करते समय गिरफ्तार व्यक्ति से इसकी रिसिप्ट ली जानी चाहिए.’
अगस्त, 2022 में जारी हुए पिछले दिशानिर्देश के मुताबिक, जीएसटी अधिकारियों को गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताना होता था और गिरफ्तारी ज्ञापन में इसे दर्ज करना होता था. वहीं, नए निर्देश क्षितिज घिल्डियाल बनाम जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई), दिल्ली के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जारी किए गए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के आधार पर ‘गिरफ्तारी के कारणों’ और ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बीच अंतर किया था. शीर्ष अदालत पहले ही कह चुका है कि ‘गिरफ्तारी के कारण’ सामान्य प्रकृति के होते हैं. जबकि गिरफ्तारी के आधार अभियुक्त के लिए व्यक्तिगत होते हैं.
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