महराजगंज-घुघली नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत नौ गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। भूमि अध्याप्ति विभाग की ओर से कुल 76.7458 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का खाका तैयार कर किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें प्रभावित गाटे और किसानों के विवरण की जांच की जा रही है। सत्यापन पूरा होने के बाद किसानों को मुआवजा बांटा जाएगा। परियोजना के पूरा होने से न केवल स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि व्यापार और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, जिले में नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत जिले में कुल 52.70 किमी रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना है। सदर तहसील क्षेत्र के 29 गांवों में जमीन पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है। इन गांवों में कुल 698 गाटे प्रभावित हुए हैं। इनमें 3897 किसान शामिल हैं। अब तक इस अधिग्रहण के बदले 100.0795 हेक्टेयर भूमि के लिए दो अरब 9 करोड़ रुपये किसानों को मुआवजा बांटा जा चुका है।
इसके अलावा सदर तहसील क्षेत्र के आठ और फरेंदा तहसील क्षेत्र के एक गांव सहित कुल नौ गांवों में 76.7458 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने की योजना बनाई गई है। इसे लेकर रेलवे विभाग और भूमि अध्याप्ति विभाग के कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। किसानों के गाटे की संख्या, उनके नाम और खतौनी में दर्ज विवरण का सत्यापन किया जा रहा है, ताकि गजट प्रक्रिया में कोई त्रुटि न हो।
अधिकारियों के अनुसार, सत्यापन की प्रक्रिया तीन दिनों में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद नौ गांवों के लिए अंतिम गजट प्रकाशित की जाएगी। साथ ही किसानों को मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रभावित किसानों को उनकी भूमि के बदले उचित मुआवजा देने की योजना तैयार कर ली गई है।
विभाग का कहना है कि मुआवजा राशि समय पर वितरित की जाएगी, ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो। जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद सीधे उनके बैंक खातों में मुआवजा राशि दी जाएगी।
किसान सतेंद्र, अजय, संतोष, मनोज और आलोक का कहना है कि नई रेलवे लाइन परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि व्यापार और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
