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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का जीवन आदर्श हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत - सोनू सिंह।

     


      

डेहरी से रिंटू सिंह की रिपोर्ट।

ATHNEWS 11 :-शाहिद ए आजम सरदार भगत सिंह के शहादत दिवस पर लोजपा रामविलास के प्रदेश महासचिव सह डेहरी विधान सभा के जाने माने समाजसेवी राजीव रंजन सिंह उर्फ सोनू सिंह के नेतृत्व में डेहरी के ई ललन सिंह स्पोर्ट्स क्लब में शहीदी दिवस का आयोजन किया गया। जहां पर उपस्थित सभी लोगों ने  उनके तैल  चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया ।  वहीं मौके पर अपने संबोधन में सोनू सिंह ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इन तीनों ने अहम भूमिका निभाई यह दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों—भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है।

इन तीनों वीरों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी और भारतीय इतिहास में अमर हो गए। 23 मार्च, 1931 को इन तीनों क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था । इसी दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि देशवासी उनके बलिदान को याद कर सकें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार सकें।

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे अहम क्रांतिकारियों में से थे। इन्होंने न केवल अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया, बल्कि अपने विचारों के जरिए देश के युवाओं को प्रेरित भी किया। भगत सिंह ने अपने जीवन का उद्देश्य देश की आजादी को बनाया और कम उम्र में ही उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाए, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला डाली थी। 

1929 में उन्होंने असेंबली में बम फेंककर अंग्रेज सरकार को चेतावनी दी थी। उनका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था। इन्होंने लाला लाजपत राय की मौत का प्रतिशोध लेने का भी फैसला लिया था, जिसके बाद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सॉन्डर्स हत्या कांड में दोषी ठहराया गया और 23 मार्च 1931 को उन्हें लाहौर जेल में फांसी दे दी गई।

राजगुरु और सुखदेव भी भगत सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े। इन तीनों ने मिलकर अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी और देशवासियों के मन में आजादी की अलख जगाई। इनके साहस और दृढ़ संकल्प ने पूरे देश को प्रेरित किया। 

शाहिद दिवस का मतलब सिर्फ  इतना नहीं है कि हम इन वीरों को याद करें, बल्कि यह दिन हमें उनके आदर्शों और सपनों को साकार करने की प्रेरणा देता है। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने जिस तरह से देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि आजादी की कीमत कितनी महंगी थी और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। मौके पर लोजपा (आर) प्रदेश महासचिव सह  गया जिला प्रभारी  राजीव रंजन सिंह उर्फ़ सोनू सिंह, प्रधान महासचिव धर्मेंद्र पासवान, गोविंद गुप्ता, किरण सिंह,  सविता देवी, उमेश बैठा, रामप्रवेश,  सुशांत, प्रिंस,  जितेन्द्र,  सत्येंद्र यादव,   रणविजय सिंह, अरुण सिंह, शशिकांत सिंह,  संतोष सिंह, आदित्य पांडे, उमा शंकर प्रसाद,  छोटु, सुनील सिंह,  शाकिर खलीफा, पीर मोहम्मद इत्यादि लोग मौजूद थे।

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