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पहलगाम से नेपाली युवक का शव पहुंचते ही सोनौली बॉर्डर पर फूटा गम व गुस्सा।




महराजगंज  -जम्मू-कश्मीर का पहलगाम जहां बर्फीली चोटियां और हरी-भरी वादियां हर साल हजारों सैलानियों को बुलाती हैं, इस बार एक नेपाली परिवार के लिए मातम का सबब बन गया। नेपाल के लुंबिनी प्रदेश के सुदीप न्यौपाने, जो कश्मीर की खूबसूरती देखने का सपना लेकर आए थे, आतंकी हमले का शिकार हो गए। उनकी मौत ने न सिर्फ उनके परिवार को तोड़ा, बल्कि भारत-नेपाल सीमा पर बसे सोनौली बॉर्डर को भी गमगीन कर दिया। गुरुवार सुबह, जब सुदीप का पार्थिव शरीर महाराजगंज के सोनौली बॉर्डर पहुंचा, वहां मौजूद परिजनों की चीखें आसमान चीर रही थीं। भारत और नेपाल प्रशासन की मौजूदगी में शव को सौंपा गया। नौतनवा के उपजिलाधिकारी नवीन कुमार और पुलिस सर्किल ऑफिसर जयप्रकाश त्रिपाठी ने कड़ी सुरक्षा में भारतीय एम्बुलेंस को नेपाल के लिए रवाना किया। सुदीप का अंतिम संस्कार आज बुटवल में होगा, लेकिन उनके घर का चिराग बुझ चुका है। सोनौली पर रोते-बिलखते परिजनों ने भारत सरकार से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई। एक रिश्तेदार ने कहा, "सुदीप तो बस घूमने आया था, उसका क्या कसूर था?" नेपाल में इस घटना से गुस्सा है। लोग पूछ रहे हैं-कश्मीर की वादियों में सैर करने वाले नेपाली पर्यटकों की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा? यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच पर्यटन और सुरक्षा के सवालों को भी कटघरे में खड़ा करती है।

          प्रभारी महराजगंज 

              कैलाश सिंह। 

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