संपादक डॉ मदन मोहन मिश्र की रिपोर्ट।
ATHNEWS 11GROUP-आज दिनांक 1/5/2025 को गया-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा आध्यात्मिक जागृति हेतु एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट वार्षिक थीम विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान कार्यक्रम को पूरे वर्ष के लिए चुना गया है, जिसका शुभारंभ गृह मंत्री अमित शाह जी के द्वारा ब्रह्माकुमारीज के अन्तरराष्ट्रीय मुख्यालय शान्तिवन में किया गया । ब्रह्माकुमारीज का विश्व एकता और विश्वास के लिए योग एक ऐसा तरीका है जो लोगों को एक साथ लाने और शांतिपूर्ण दुनिया बनाने में सहायता करेगा । इसी शृंखला में ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवा केन्द्र सिविल लाइन थाना के पीछे, विक्टर एक्सरे गली, होटल सिटी सूर्या के सामने गया में विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन करते हुए बोधगया टेम्पल मैनेजमेंट कमिटी की सचिव महाश्वेता महारथी ने कहा कि ब्रह्माकुमारियों के द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम योग ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षाओं का मिश्रण है जो व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देगा।
कार्यक्रम में उपस्थित बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार वर्णवाल ने कहा कि यह अभ्यास एक ऐसी तकनीक है जो हमें अपने भीतर शांति और स्थिरता खोजने में मदद करती है, जिससे हम दूसरों के प्रति अधिक सहानुभूति और समझ विकसित करते हैं । मध्य विद्यालय कुकरा गया के प्रधानाध्यापक संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि ब्रह्माकुमारियों की आध्यात्मिक शिक्षायें हमें यह सिखाती है कि हम सभी एक ही ईश्वर के बच्चे हैं और इसलिए एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । यह शिक्षा हमें दूसरो के साथ प्यार, दया और समझ के साथ व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करती है । संस्था के सदस्य विभिन्न प्रकार की सामुदायिक सेवा गतिविधियों में भाग लेते हैं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण संरक्षण आदि । ये गतिविधियां हमें एक साथ काम करने और एक बेहतर दुनिया बनाने की भावना विकसित करने में मदद करता है ।
कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि सुखमय संसार के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि हम सभी को साथ मिलकर चलना होगा । एक कदम हम चलें एक कदम आप चलों कदम से कदम मिला कर चलें तो मंजिल तक पहुंच ही जायेंगे । वर्तमान समय भौतिकता अपने चरम पर है लेकिन आंतरिक शक्ति कमजोर हो गई है । त्याग तृष्णा में बदल गया, प्रेम, वैर विरोध वेमनस्य में, सेवा स्वार्थ में बदल गया । विश्वास मतभेद में बदला गया है । सभी कहते हैं पीस चाहिए शांति चाहिए लेकिन इस पीस के नाम पर pieces अर्थात टुकड़े टुकड़े होते जा रहा है । कहते हैं wars are in the mind of the people, लेकिन हम कहते हैं Peace also has to be born in the minds of people. अगर मन में शांति नहीं है तो शांति के लिए कितने भी कॉन्फ्रेंसेज कर लें सम्मेलन कर लें शांति स्थापित नहीं हो सकती । इसके लिए सर्वप्रथम मन में शांति चाहिए ।किसी को विश्वास नहीं है कि कभी इस दुनिया में शांति थी। अब फिर से शांति हो सकती है यह विश्वास जरूरी है। अब है कि अन्दर रामायण चल रही है, मन और बुद्धि के अंदर भी संघर्ष चल रही है। आज व्यक्ति के अंदर ही इतना संघर्ष है, पहले तो उससे मुक्त होना होगा। इसके लिए मेडिटेशन अर्थात ध्यान आवश्यक है और ध्यान से जो प्राप्ति होती है इसको हम कहते है इनर हारमनी। आज व्यक्ति के मन बुद्धि और संस्कार में एकाग्रता और एक मत नहीं है। मनुष्य आज एक नहीं तीन है मन जो कहता है हम वो करते हैं फिर बुद्धि जो कहती है वो करते हैं फिर हमारा संस्कार भी है जिसके वशीभूत हम कर्म करते हैं तो व्यक्ति ३ इन १ हो जाता हैं। स्वयं में स्वयं के मन, , संस्कार में ही एक मत चाहिए। इसके लिए मेडिटेशन ध्यान की आवश्यकता है। राजयोग ध्यान करने से आत्म अपने शांति, प्रेम, शक्ति, आनंद इन आनादी गुणों का धारण करती है। इन गुणों में हम जितना जितना टिकेंगे उतना उतना हमारी आंतरिक शक्ति जागृत होगी। मेडिटेशन कोई बैठकर करने की बात नहीं है। यह एक अवेयरनेस है, मैं कौन हूँ मेरे निजी गुण और आदि गुण क्या है। वह आप चलते फिरते आँखें खोल के कर सकते हैं। इसलिए मेडिटेशन के द्वारा एकता और विश्वास जो इस दुनिया में बहुत लोग खो चुके हैं उसे पुनः प्राप्त करने लिए परमात्मा पर विश्वास, स्वयं पर विश्वास व व्यक्ति पर विश्वास रखना होगा। यह जो सेल्फ ट्रस्ट है वह बिना ध्यान के नहीं आ सकता है।
ब्रह्माकुमारी शिला बहन ने कहा कि विश्व एकता और विश्वास के लिए योग हमें यह सिखाता है कि हम सभी एक ही ईश्वर के बच्चे हैं। यह शिक्षा हमें यह समझने में मदद करती है कि हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसलिए एक दूसरे के साथ प्यार और दया के साथ व्यवहार करना चाहिए। हम सबमें एक ही दिव्य क्षमता है जो हमे अपनी श्रेष्ठतम क्षमता तक पहुँचने और एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करती है। हम सभी के साथ शांति और सद्भाव से जी सकते हैं भले ही हम विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों या पृष्ठभूमि से हों। "विश्व एकता और विश्वास के लिए योग एक शक्तिशाली उपकरण है जो हमें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर परिवर्तन लाने में मदद करता है। यह हमें एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रेरित करता है जहां सभी लोग शांति, प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। ज्ञातव्य हो कि ब्रह्माकुमारीज सेवा केन्द्र सिविल लाईन थाना के पीछे, विक्टर एक्सेल गली, होटल सिटी सूर्या के सामने प्रतिदिन प्रातः 7-30 बजे से 10 बजे तक तथा संध्या चार बजे से तक निःशुल्क राजयोग ध्यान का प्रशिक्षण दिया जाता है।नया युग आध्यात्मिक युग होगा पवित्रता ही सुख शांति की जननी है हर कीमत पर इसकी रक्षा करना अपना सर्वप्रथम कर्तव्य है।
