महराजगंज:-सरकारी अस्पतालों की हालात अक्सर सवालो के घेरे में रहती ।महराजगंज जिला संयुक्त चिकित्सालय कक्ष संख्या 10 के डाक्टर राकेश रमन सरकारी स्वास्थ्य सेवा की पोल खोलने में लग गए है।दिनांक 21/6/025 को उलजुलुल मे एक अस्पताल में पहुंचे पत्रकार को देखकर अचानक डॉक्टर भड़क उठे।यही नही पत्रकार पर इतने क्रोधित हुए की अपनी कुर्सी पर बैठने के बजाय दवा न करने की धमकी देते बाहर निकल गए।जबकि पत्रकार 10वर्षीय अपने नाती का इलाज कराने आया था।अंत में पत्रकार निराश तथा मजबूर हो कर प्राइवेट अस्पताल से दवा कराने पर मजबूर हो गया।पत्रकार के हाथ में कैमरा देख डॉक्टर राकेश रमन पत्रकार के ऊपर टूट पड़े।
विचार का विषय है कि यदि डाक्टर के पास आला न हो तो उनकी पहचान क्या है।कोई भी देश स्वास्थ्य,शिक्षा,सुरक्षा पर ही आधारित है।जनपद महराजगंज ब्रिटिश हुकूमत के बाद जिला अस्पताल का संचालन किया जा रहा है लेकिन समस्या ज्यों का त्यों बनाता चला आ रहा है।आज भी इसी तरह के क्रोधी स्वभाव के चिकित्सक हो तो मरीजों का क्या होगा।मजबूर मरीज प्राइवेट अस्पताल का शरण लेगा।जबकि प्राइवेट अस्पताल का संचालन ऐसे ही चिकित्सकों द्वारा कराया जाता है।देखने में आता है कि जिले के आला कमान ऐसे लोगो पर शिकंजा कसता रहता है।आज भी देखने को मिलते हैं डाक्टरों से ज्यादा इनके आगे पीछे चंगू मंगू घिरे हुए रहते है। ऐसे ही सरकारी अस्पताल के चिकित्सक अपना निजी व्यवसाय बनाकर जनता का शोषण करने पर लगे हुए हैं।
प्रभारी महराजगंज
कैलाश सिंह.

