संजय कुमार चौरसिया ब्यूरो रिपोर्ट बस्ती .
कलवारी - जरूरतमंदों को गांव में ही काम मिले इसे लेकर सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा योजना चलायी जा रही है जिसके तहत ग्राम पंचायतों में जाबकार्ड धारकों को गांव में ही सौ दिन कार्य दिया जाता है किन्तु सचिव, जेई व रोजगर सेवक की शह पर ग्राम प्रधानों द्वारा मनरेगा योजना में खेला किया जा रहा है।
कागजों में मनरेगा कार्य चलाया जा रहा है और कार्य मजदूरों की बजाय मशीन से कराया जा रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा खुले तौर पर विभागीय संरक्षण में गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है किंतु विभागीय जिम्मेदार मौन हैं। पूरा मामला विकास क्षेत्र कुदरहा के ग्राम पंचायत मुरादपुर का है जहां पुराने तालाब की खुदाई व सफाई कार्य पर सौ से अधिक लेबर महज कागजों में चलाये जा रहे हैं। वहीं ग्राम पंचायत चकदहा में बिना चकमार्ग की पटाई किए फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है।
दोनों ग्राम पंचायतों में बिना कार्य कराए दिन डूबने के बाद फर्जी फोटो अपलोड कर हाजिरी लगाई जा रही है। ग्राम पंचायत चकदहा के राजस्व ग्राम चकदहा में जिस स्थान पर चकरोड पटाई का कार्य कराना दिखाया जा रहा है वहां गन्ने की फसल लहलहा रही है।
हकीकत जानने का जब प्रयास किया गया तो दोनों ग्राम पंचायत में मौके पर एक भी लेबर कार्य करते नहीं पाए गए। जबकि सौ से अधिक लेबरों की अनलाइन हाजिरी हर रोज लगायी जा रही है। वहीं ग्राम पंचायत मुरादपुर में पुराने तालाब को नया दिखाकर खुदाई व सफाई मामले में जेसीबी मशीन से कार्य करवाये जाने की बात सामने आयी है।
चार दिन पहले चकदहा के सचिव रवि पाण्डेय से बात की गई थी तो उन्होंने बताया था कि कार्य नहीं कराया गया है इस प्रकरण की जानकारी है मस्टररोल जीरो करा दे रहे हैं। लेकिन जानकारी के बावजूद अभी भी गन्ने की फसल वाले खेत में रात आठ बजे के बाद फर्जी फोटो और फर्जी रूप से 77 लोगों की हाजिरी लगाकर काम होना दिखाया जा रहा है। वहां काम हुआ ही नहीं है गन्ने की फसल लहलहा रही है। ग्राम पंचायत मुरादपुर के सचिव अभिनव से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सका।
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर खण्ड विकास अधिकारी कुदरहा आलोक कुमार पंकज ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं था बिना कार्य करवाये अगर मस्टररोल चलाया जा रहा है तो इसकी जांच करवा कर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।
