रोहतास ब्यूरो अंगद जी पाठक की रिपोर्ट।।
गोडारी /रोहतास में सड़क दुर्घटनाओं की बेकाबू रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार शाम को रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र में जमुआं पेट्रोल पंप के पास एक तेज रफ्तार थार वाहन ने चार लोगों को कुचल दिया, जिनमें एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। यह दिल दहला देने वाला दृश्य पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
सड़क पर खड़े लोगों को रौंदती हुई निकली थार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, थार वाहन बिक्रमगंज से नासरीगंज की ओर जा रही थी। जैसे ही वह जमुआं पेट्रोल पंप के पास पहुंची, तेज रफ्तार में अचानक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे खड़े लोगों को कुचलते हुए निकल गई। 47 वर्षीय इंदु देवी हादसे में हवा में उछलकर कई फीट दूर जा गिरीं और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।तीन घायल, मासूम की हालत भी नाजुक ढाई वर्षीय सैफ, 30 वर्षीय सलामुद्दीन अंसारी और 32 वर्षीय सलीम अंसारी को गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को गोड़ारी सीएचसी पहुंचाया, जहां से हालत नाजुक देखते हुए उन्हें बिक्रमगंज रेफर कर दिया गया। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने थार में सवार दो युवकों को पकड़ लिया और उनकी जमकर पिटाई की, जबकि चालक मौके से फरार हो गया।
पिछले सप्ताह सासाराम में भी हो चुका है बड़ा हादसा
सासाराम कि गलियां" ने बताया था कि इससे एक दिन पहले, सासाराम शहर के महिंद्रा शोरूम के पास भी रोंग साइड से आ रही तेज रफ्तार ट्रैक्टर की टक्कर से एक बाइक वाले व्यक्ति की मौत हो चुकी है। अब रोहतास में हुए इस ताज़ा हादसे ने फिर से वही सवाल खड़ा कर दिया है, क्या हमारी सड़कें लापरवाही की कब्रगाह बन चुकी हैं।लोग मरते हैं, कुछ नहीं बदलता है
हर हादसे के बाद कुछ देर के लिए रोष, आक्रोश और धरना होता है। कुछ बयान आते हैं, कुछ एफआईआर दर्ज होती हैं, लेकिन ज़मीनी बदलाव शून्य है। न रफ्तार पर कोई लगाम है, न ट्रैफिक नियमों का ज्ञान है,न सड़क किनारे खड़े लोगों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था।
डीटीओ ऑफिस हमेशा से घूसखोरी के लिए बदनाम रहा है, एक पूर्व जिलाधिकारि ने "सासाराम कि गलियां" के सलाह पर छापामारी करके सख्ती से पूछा था कि प्रतिदिन कैमरा में दिख रहे नॉन एम्पलाई कौन है ? क्या करने आते है। उनके छापेमारी से विभाग के कर्मचारियों और दलालों ने हड़कंप मच गया था। अन ट्रेंड लोगों से घुस लेकर डीएल सौंप देना भारत में सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण है ।
अगर सरकार चाहे तो तकनीक के इस युग में रेगुलर सर्विसिंग मैंडेटरी किया जा सकता है, जिसके बिना कोई भी गाड़ी 100 किलोमीटर से आगे नहीं जा सके (इमरजेंसी के लिए) और ट्रैफिक रिफ्रेशर कोर्स भी डिजाइन किया जा सकता है जो हर 6 महीने पर कुछ घंटों के लिए लेना अनिवार्य हो । स्कूलों में एक साप्ताहिक सब्जेक्ट बनाया जा सकता है।
सरकार और समाज को अब यह समझना होगा कि लापरवाही की कीमत जान से चुकाई जा रही है — और यह हर दिन दोहराया जा रहा है।