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आशा कार्यकर्ताओं ने कुटुंबा रेफरल अस्पताल में सात सुत्री मांग को लेकर दिया धरना।



मिथिलेश कुमार पाण्डेय व्यूरो चीफ औरंगाबाद।


 औरंगाबाद। आज दिनांक 20/09/2025 बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने सात सूत्री मांग को लेकर को रेफरल अस्पताल कुटुंबा में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन संघ की महामंत्री सुधा सुमन ने कही कि सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार हमें न तो मजदूर समझ रही है और न ही सरकारी कर्मचारी। आगे उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में आशा फैसिलिटेटर संघ द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानदेय देने का वादा किया था। परंतु इस बार भी हमें मात्र दो हजार रुपए पारितोषिक दिया गया। जिससे हम सभी आशा कार्यकर्ता ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हमारी मांग है कि सरकार हमें सरकारी सेवक घोषित करें और न्यूनतम वैधानिक मजदूरी 26000 रुपए भुगतान करे। पारितोषिक राशि का भुगतान मानदेय के रूप में करते हुए बढ़ी हुई राशि का एकमुश्त किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं के सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करते हुए  सेवानिवृत्ति राशि दस लाख रुपए तथा पेंशन दस हजार दी जाए। फतुहा और अमनौर में बीसीएम के दमनात्मक रवैए के खिलाफ विशेष जांच दल गठित की जाए तथा वेलनेस सेंटर पर सभी आशा कार्यकर्ताओं के बीच प्रोत्साहन राशि का बराबर भुगतान किया जाए। प्रदर्शन में शामिल आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार के नुमाइंदों का घेराव किया करेंगी। प्रदर्शन में सुधा सुमन, लालमुनी देवी, नीलम कुमारी, सुषमा देवी, विंदा कुमारी, कंचन कुमारी, अनीता देवी, निर्मला कुमारी संगीता देवी समेत सैकड़ों आशा कार्यकर्ता शामिल थी।

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