ATH NEWS 11 GROUP OF MEDIA

शिक्षा व्यवस्था को रसातल में मिलाने का सुनियोजित प्रयास कर रही है सरकार : प्रिन्स कुमार सिंह।

 गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।




एटीएच न्यूज़ 11:- झारखंड राज्य के लाखों विद्यार्थियों को डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिल पाई है. समस्या सिर्फ ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों की नहीं है, बल्कि एससी, एसटी और अन्य पिछड़े वर्गों के भी कई छात्र इस योजना से वंचित हैं. छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है. उक्त बातें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने कहीं।

उन्होंने कहा कि अभाविप ने सभी जिलों में ज्ञापन सौंप कर सरकार से आग्रह किया है कि विद्यार्थियों का स्कॉलरशिप जल्द से जल्द उन्हें प्रदान किया जाए, क्योंकि इसी पैसे से वह अपनी शिक्षा संबंधी कार्यों को पूर्ण करते हैं यदि उनके पैसे इस प्रकार से रोक जाएंगे तो उनके शैक्षणिक जीवन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। छात्रवृति नहीं मिलने से विद्यार्थी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. परीक्षा शुल्क, किताबें समेत अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है. गरीब व मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृति आवश्यक है।

प्रिंस ने कहा कि छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण अनेकों विद्यार्थी कर्ज लेकर फीस भरने को मजबूर हैं। कई छात्रों को फीस नहीं भर पाने पर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति तक नहीं दी जा रही है। वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार दावा करती है कि यह युवाओं की सरकार है, लेकिन सबसे ज्यादा उत्पीड़न युवाओं का ही हो रहा है। कल्याण विभाग का पैसा राज्य सरकार दूसरी योजनाओं में खर्च कर रही है और अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है। राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना के लिए तो पैसा खर्च कर रही है, लेकिन छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए धन नहीं है। सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन बड़ी बड़ी योजनाओं की बातें करते हैं किंतु जमीनी हकीकत कुछ और है। गरीब परिवार के छात्रों के लिए पढ़ाई की छात्रवृति ही एक मात्र सहारा है अगर सरकार यही छीन ले तो समझ सकते हैं कि उनकी भविष्य का क्या होगा। यह सरकार सुनियोजित तरीके से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को रसातल में मिलाने का भरसक प्रयत्न कर रही हैं।

राज्य सरकार को गंभीरता पूर्वक इस विषय पर विचार करना चाहिए और विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में न जाए इस हेतु उन्हें जल्द से जल्द स्कॉलरशिप प्रदान किया जाना चाहिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post