महराजगंज-ज़िले से एक ऐसी खबर आई है जिसने हर किसी की आंखें नम कर दी हैं। पत्रकारिता जगत के सम्मानित हस्ताक्षर और राष्ट्रीय सहारा के घुघली प्रतिनिधि वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव के असमय निधन ने पूरे जनपद को शोक में डुबो दिया है। यह हादसा तब हुआ जब उनके घर में पुत्र के विवाह की तैयारियां चल रही थीं।
रविवार की शाम घुघली क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में श्रीवास्तव जी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने श्रीवास्तव परिवार की दुनिया ही बदल दी। जहाँ कुछ दिन पहले घर में शहनाई की गूंज थी, अब वहां सन्नाटा और सिसकियाँ हैं।
परिवार के सूत्रों के अनुसार, 1 दिसंबर को तिलक और 5 दिसंबर को पुत्र का विवाह समारोह तय था। पिता के रूप में सुरेन्द्र श्रीवास्तव जी स्वयं सभी तैयारियों की देखरेख कर रहे थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अब सवाल सबके दिल में है — आख़िर अब कौन करेगा पुत्र की शादी की व्यवस्था? कौन देगा मंडप में आशीर्वाद? कौन रखेगा पिता का स्थान?
परिजनों की आंखों में अब खुशी नहीं, सिर्फ़ दर्द का सागर है। मां का आंचल आंसुओं से भीग गया है, बेटे की आंखों में बेजुबान सवाल हैं, और घर का हर कोना पिता की यादों से भर गया है।
पत्रकार जगत और जनप्रतिनिधियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। पत्रकार साथियों ने कहा —“सुरेन्द्र लाल (सुरेन्द्र श्रीवास्तव) जी का निधन पत्रकारिता ही नहीं, पूरे समाज की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा सच्चाई और समाज के पक्ष में कलम चलाई। उनका जाना ऐसा घाव है जो कभी नहीं भरेगा।”जनपद के हर व्यक्ति के मन में यही भाव है — “अब उस विवाह मंडप में पिता के आशीर्वाद की जगह सिर्फ़ उनकी यादें रहेंगी… और वह आशीर्वाद अब स्वर्ग से बरसेगा।” ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति दे और श्रीवास्तव परिवार को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
प्रभारी महराजगंज
कैलाश सिंह।

