सासाराम :-बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्धों की हो रही हत्या और अत्याचार के विरोध में राष्ट्रीय भारतीय समाज ने आक्रोश मार्च निकाला. आक्रोश मार्च शहर के रेलवे मैदान से निकला, जो पुरानी जीटी रोड पर धर्मशाला चौक, पोस्ट ऑफिस चौराहा, कलेक्ट्रेट, नगर निगम, कचहरी-करगहर मोड़, सदर अनुमंडल कार्यालय, काली स्थान-सर्किट हाउस चौक तक पर पहुंचा. जहां से पुन: वापस लौट कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना में बदल गया. आक्रोश मार्च को कई संगठनों का समर्थन रहा. मार्च के दौरान आक्रोशित लोग भारत माता की जयघोष के अलावे बांग्लादेश के खिलाफ नारा लगा रहे थे. हाथों में तख्ती बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार बंद करने की अपील लिखे थे. धरना को संबोधित करते हुए संत समाज का नेतृत्व करते हुए महर्षि आंजनेश महाराज ने कहा कि बांग्लादेश में जो उपद्रव, हत्याएं और धर्म परिवर्तन का तांडव हो रहा है, इस पर संयुक्त राष्ट्र को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. अपने देश के शासन को भी बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार पर तत्काल ठोस निर्णय लेना चाहिए. अन्य वक्ताओं ने भी विश्व समाज से बांग्लादेश पर कड़ा प्रतिबंध लगाते हुए वहां के
अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया. वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, सिक्ख, जैनियों के परिवारों को टारगेट कर हमला किया जा रहा है, जो 1990 में कश्मीर की घटना को याद दिला रहा है. वहां लगातार लूटपाट, हत्या, अत्याचार हो रहा है. यह समस्या अपने देश में भी आ सकता है. या यूं कहे कहीं कहीं नजर भी आने लगा है. ऐसे में अपने देश में भी एकजुटता समय की मांग है. अगर नहीं चेते, और बंटे तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और कश्मीर की तरह कटेंगे.
