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मंदिरों की अर्थव्यवस्था और सनातन धर्म के लिए नया सवेरा बना आईटीसीएक्स 2025.




संजय तिवारी की रिपोर्ट। 


पटना (बिहार)- तिरुपति, आंध्रप्रदेश के आध्यात्मिक नगरी तिरुपति में आयोजित इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2025 ने भारत के सबसे बड़े और प्रभावशाली मंदिर प्रबंधन सम्मेलन के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई। इस अनूठे आयोजन में देशभर के 1500 से अधिक मंदिरों, प्रतिष्ठित राजनीतिक नेताओं और हिंदू, सिख, बौद्ध व जैन धर्म के पूजनीय धर्मगुरुओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' विज़न को मजबूती देते हुए, यह आयोजन एक अहम् मंच के रूप में सिद्ध हुआ, जहाँ मंदिरों के प्रबंधन, स्थायी विकास और तकनीकी समावेशन को नई दिशा मिली। सनातन धर्म की शाश्वत मान्यताओं को और मजबूत करते हुए, यहाँ मंदिरों की स्वायत्तता, स्मार्ट टेंपल मिशन और वैश्विक श्रेष्ठ प्रथाओं पर गहन मंथन हुआ। इस भव्य आयोजन के माध्यम से, आईटीसीएक्स 2025 ने यह साबित कर दिया कि मंदिर सिर्फ आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति के सशक्त मंच भी हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना पत्र में कहा, "आईटीसीएक्स मंदिरों की वैश्विक एकता का प्रतीक है और 'वसुधैव कुटुंबकम' के रूप में पूरी पृथ्वी को एक परिवार के रूप में देखने की भावना की वास्तविक अभिव्यक्ति भी है। 21वीं सदी ज्ञान-आधारित समाजों की सदी है, और इस दृष्टि से टेम्पल कनेक्ट द्वारा मंदिरों की धरोहर को प्रलेखित, डिजिटाइज़ और साझा करने का प्रयास और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।"

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