कल्याणपुर (रोहतास) -अक्सर देखने में आता है कि ग्रामीण लोग विकास की मुख्यधारा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में, ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) ने अपनी ग्राम परिवर्तन परियोजना के तहत महत्वपूर्ण पहल की है। यह परियोजना बिहार के कल्याणपुर में टिकाऊ खेती, कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से समुदायों को सशक्त बना रही है। डालमिया सीमेंट- आरसीडब्ल्यू के उप कार्यपालक निदेशक और यूनिट हेड आशुतोष कुमार तिवारी ने कहा कि "ग्राम परिवर्तन परियोजना का उद्देश्य जमीनी स्तर पर सामुदायिक आजीविका को सस्टेनेबल और समावेशी बनाना है। इस पहल से किसान जलवायु-अनुकूल प्रथाओं को अपना रहे हैं, महिलाएं उद्यमिता में कदम रख रही हैं, और युवा रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त कर रहे हैं।" इस परियोजना ने 18 महीनों में 2,991 घरों को सीधे तौर पर लाभान्वित किया है। 2,000 से अधिक किसानों ने टिकाऊ खेती के जरिए उत्पादन और आय में सुधार किया। वर्मीकम्पोस्ट और अजोला जैसे उपायों से मिट्टी की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। मुर्गी पालन, बकरी पालन और मशरूम की खेती जैसी पहलों ने आजीविका के अतिरिक्त साधन प्रदान किए हैं। दीक्षा कौशल विकास केंद्र से 180 युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें 15,000 से लेकर 20,000 रुपए तक की मासिक आय वाली नौकरियाँ दिलाई गई हैं। इसके साथ ही, स्कूलों का नवीनीकरण, स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ने हजारों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। ग्राम परिवर्तन परियोजना, ग्रामीण समुदायों में सतत विकास और दीर्घकालिक प्रगति की दिशा में एक मजबूत कदम है।
ग्राम परिवर्तन परियोजना से बदलेगी कल्याणपुर की तस्वीर।
byDR AMIT KUMAR SRIVASTAVA/EDITOR-IN-CHIEF.
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