डेहरी आन सोन - ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने संसद में पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बजट से रेल कर्मचारियों के बीच संशय की स्थिति कायम है। इनकम टैक्स स्लैब में जो 12 लाख तक के आए पर छूट की घोषणा की गई है। उसमें स्पष्ट नहीं किया गया है कि ग्रॉस सैलेरी पर गणना की जाएगी या नेट सैलेरी पर क्योंकि ग्रॉस सैलेरी से भविष्य निधि की राशि गवर्नमेंट ही रख लेती है। जिनका निपटारा नए कर्मचारियों के लिए वर्तमान में बाजार आधारित है।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के नेता व इसीआरकेयू के केंद्रीय कोषाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने कहा कि रेलवे के विकास के लिए कोई स्पष्ट नीति निर्धारण नहीं किया गया है। रेल कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित कोई एजेंडा इस बजट में समाहित नहीं किया गया है और न ही विशेष कोष का व्यवस्था की गई है। जिसके कारण रेल कर्मचारियों में घोर निराशा व्याप्त है। इसमें रेल कर्मचारियों के भविष्य निर्धारण हेतु सुधार के लिए यूनियन अपना कदम बढ़ाएगी। वहीं इसीआरकेयू डेहरी ब्रांच के अध्यक्ष बीरेंद्र पासवान एवं उपाध्यक्ष नरेंद्र प्रताप सिंह ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि डालमियानगर में कोच फैक्ट्री खोलने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा भी हवा-हवाई ही साबित हो रही है। काफी उम्मीदें थीं कि इस बजट में रेल फैक्ट्री खोलने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन निराशा हाथ लगी। रेलकर्मियों के कल्याणार्थ विशेष धनराशि के अभाव में बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं होती है,लेकिन इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान नही दिया गया।
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