संजय कुमार चौरसिया ब्यूरो रिपोर्ट बस्ती।
कलवारी - कलवारी क्षेत्र के शिव मंदिर पाऊँ परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग नाचने लगे। महिलाएं सोहर गीत और बधाई गीत गाने लगी। इस दौरान पूरा पंडाल भक्तिमय में हो गया।
अयोध्या धाम से आए कथा व्यास आचार्य अंजनी नन्दन जी महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव का मनमोहक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने मात्र से हर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे ग्रहण करने मात्र से ही मन को शांति मिलती है। भागवत कथा सुनने से अहंकार का नाश होता है। भगवान श्री कृष्णा के वश में उन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। कथा वाचक ने कहा कि कंश के अत्याचार से जब धरती पर चारों ओर त्राहि त्राहि मच गई तब कंस का नाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लिया। भगवान श्री कृष्ण की मनमोहक झांकी पंडाल में पहुंची तो श्रोताओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। पंडाल में उपस्थित लोग खुशियों से झूम उठे और फिर थिरकने लगे।
आचार्य जी ने श्रद्धालुओं को मानव जीवन मे आर्थिक, धार्मिक और आत्मोन्नति के विकास का उपाय बताते हुए कहा कि सिर्फ लक्ष्मी जी की पूजा करने से भक्त के घर लक्ष्मी जी उल्लू की सवारी करके जाती है और भक्त दुर्व्यसन में लिप्त हो जाता है जबकि भगवान विष्णु की उपासना करने पर लक्ष्मी जी गरुण वाहन पर बैठ कर भक्त के घर जाती है। जिससे भक्त धर्मपरायण होकर पैसे को समाजहित में लगाता है। एकादशी व्रत से पांच ज्ञानेन्द्रियाँ, पांच कर्मेन्द्रियाँ और एक मन पर जीव का पूर्ण नियन्त्रण हो जाता है। एकादशी व्रत सबको करना चाहिए। इससे मन व इंद्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है। एकादशी के दिन चावल नही खाना चाहिए। एकादशी ब्रत शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्ष में रहना चाहिए। ब्रत निराहार सर्वोत्तम, नही तो घी पीकर, नही तो दूध पीकर, नही तो फल खाकर, नही तो दूध रोटी खाकर फिर भी ब्रत न हो सके तो रोटी सब्जी खाकर भी कर सकते हैं। गेंहू, अरहर और बाकला अन्न नही है। अन्न केवल सतन्जा होता है। एकादशी व्रत से धन वैभव आरोग्यता व मानव जीवन मे सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से यज्ञाचार्य प्रदीप शास्त्री, आचार्य रामजी शुक्ल, आयोजक ज्ञानचन्द दूबे, मन्दिर के पुजारी मदनमोहन दास उर्फ नागा बाबा, ब्लाक प्रमुख कुदरहा अनिल दूबे, चंद्रशेखर मुन्ना, मनीष त्रिपाठी, गुलाब चंद श्रीवास्तव, कलवारी भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय कुमार चौरसिया, अवधेश, मिश्रा, कुदरहा भाजपा मंडल अध्यक्ष दुर्गेश अग्रहरि, त्रिलोकी नाथ दूबे, पूर्व प्रधान अभिषेक पाण्डेय, समाजसेवी भगवती प्रसाद शुक्ल, ग्राम प्रधान व्यंकटेश उर्फ पप्पू गुप्ता, केशव प्रसाद दूबे, अनिल दूबे, अजय दूबे, मुन्ना तिवारी, पवन दूबे, ऋषभ दूबे, बीडीसी राघवेन्द्र शुक्ल, अम्बिका दूबे, मनोज दूबे, अविनाश गुप्ता, प्रभात शुक्ला, सच्चिदानंद त्रिपाठी, राम सुभग उर्फ छैलू बाबा, रामू कन्नौजिया, बलराम मौर्या, बालकेश भारती, अशोक समदर्शी सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।