मिथिलेश कुमार पाण्डेय व्यूरो चीफ औरंगाबाद।
औरंगाबाद। आज दिनांक 27/05/2025 कुटुम्बा प्रखंड पंचायत मटपा के बहेरा गांव आज पहेली बनने पर मजबूर। बिहार सरकार या केन्द्र सरकार जन प्रतिनिधियों के माध्यम से गांवों के सौंदर्यीकरण के पीछे करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन सच्चाई यही है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया जा रहा है। आज भी नाली और नाले की पानी गली, गांवों की प्रमुख समस्या बनी हुई है। कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के मटपा पंचायत अंतर्गत बहेरा गांव की सड़क पर नाली के पानी का जलजमाव के कारण ग्रामीणों का घर से निकलना परेशानी हो गया है। वहीं वाहन चालकों और राहगीरों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उक्त गांव के वार्ड सदस्य विरेंद्र कुमार ने बताया कि सालों भर सड़क पर नाली का पानी जमा रहता है। बरसात के मौसम में आसपास के घरों में भी नाली का पानी घुस जाता है। उन्होंने बताया कि दिन-ब-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है। नाली के पानी से उठती दुर्गंध से संक्रामक बीमारियां फैलने लगी है। अगर जल्द ही दूषित पानी के निकास की व्यवस्था नहीं की गई तो बीमारियां व्यापक रूप ले लेंगी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कई दशक पुराने ठाकुरबाड़ी मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालु इसी रास्ते से आते-जाते हैं। पूजा-पाठ में पवित्रता का अपना महत्व है। रास्ते पर नाली के पानी का जमाव होने के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया गया लेकिन अभी तक उसका कोई समाधान नहीं निकल पाया। ग्रामीणों ने समस्या के त्वरित निष्पादन की मांग की है।