रोहतास ब्यूरो अंगद जी पाठक की रिपोर्ट।।
पटना-सासाराम फोरलेन सड़क के निर्माण में फिलहाल पेच फंस गया है। जिस ओमान की गल्फर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर मिला था, वह रद्द कर दिया गया है। कंपनी ने दोबारा निविदा जारी रखने के लिए आवेदन दिया है। कंपनी की ओर से ओमान के गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने की वजह से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ठेका रद्द कर दिया गया। इस बीच गल्फर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि दस दिनों में उसे ओमान के गृह मंत्रालय से सड़क निर्माण के लिए जरूरी मंजूरी दे दी जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारी के अनुसार दस दिनों के अंदर यदि ओमान की तरफ से क्लीयरेंस पत्र नहीं दिया गया तो नए सिरे से निविदा जारी की जाएगी।
एनएचएआई ने 2028 तक निर्माण का लक्ष्य रखा है। लेकिन पेच फंसने के बाद समय पर पूरा होना संभव नहीं होगा। हालांकि, एनएचएआई प्रयास में है कि अगले महीने तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर अविलंब काम शुरू कर दिया जाए। पटना-सासाराम फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के निर्माण में 3712.40 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। एनएचएआई के अनुसार जैसे-जैसे इसमें विलंब होगा लागत बढ़ भी सकती है।
मालूम हो कि यह नेशनल हाईवे पटना से शुरू होगा और भोजपुर होते हुए सासाराम तक जाएगा। सड़क की लंबाई 120 किलोमीटर होगी। यह फोरलेन सड़क बनेगी। पटना से सासाराम तक का सफर चार घंटे के बदले दो घंटे में पूरा होगा। पूरी परियोजना दो चरणों में होगी। पटना से भोजपुर तक 46 किमी लंबे और दूसरे भाग में आरा से सासाराम तक 74 किमी लंबी सड़क बनेगी। इससे पटना से सासाराम और शाहाबाद के अन्य इलाकों तक आना-जाना आसान होगा। अरवल जिले में जाने के लिए इसका इस्तेमाल होगा। जीटी रोड से कनेक्टिविटी से पटना से बनारस या उससे आगे आने-जाने का नया विकल्प मिलेगा।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि पटना-सासाराम एक्सेस कंट्रोल्ड नेशनल हाईवे के निर्माण में पेच फंस गया है। ओमान की जिस कंपनी को टेंडर मिला था, उसे उसके देश से काम करने के लिए क्लीयरेंस अभी तक नहीं मिल पाई है। कंपनी ने दोबारा आवेदन देकर क्लीयरेंस के लिए दस दिनों का समय मांगा है। फिलहाल निविदा रद्द है। दस दिनों में क्लीयरेंस नहीं मिला तो दूसरी निविदा जारी होगी।

