एटीएच न्यूज़ 11 :-बड़कागांव झारखंड राज्य का एक ऐसा गांव जहां दिपावली जैसी खुशियों का त्योहार नहीं मना पा रहे हैं इनकी खुशी फीकी है इस त्योहार में दरअसल बात कुछ ऐसी है हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत गोंदलपुरा पंचायत के गोंदलपुरा व आसपास के ग्रामिणों द्वारा अपनी जल जंगल जमीन व पर्यावरण व पेड़ पौधे व जंगली जानवरों से गुलजार अपनी खुबसूरत क्षेत्र को कोल कंपनियों के आवंटित कोयला खनन परियोजनाओं के विरोध में लगातार ( 560) पांच सौ साठ दिनों से धरने पर बैठे हैं और कोल खनन परियोजनाओं का आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे इसको लेकर प्रखंड अंचल कार्यालय से उपायुक्त आयुक्त व मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मंत्री व संबंधित विभाग के अधिकारियों,विधायक सांसद व अन्य जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक पदाधिकारियों को आवेदन देकर गुहार लगा चुके हैं इनकी बातों को कोई सुनने वाला नहीं है इतने विरोध के वाबजूद कंपनियों को खनन का लिए भूमि-अधिग्रहण की प्रकिया की सूचना जारी किया जाता रहा है ।
ऐसे में ये लोग दीवाली नहीं मना पा रहे हैं और हाथों में तख्तियां लेकर कोल कंपनी वापस जाव,पेरिस समझौता लागू करो,जल जंगल जमीन हमारा है ,खेती हमें खिलाता है खदान हमें खाता है आदि लिखें नारों के लेकर धरना स्थल में डटे हैं ।वहीं रैयतों का कहना है कि लोकतंत्र का महापर्व झारखंड में चल रहा है और यहां लोकतंत्र का हनन हो रहा है कोई सूद्ध लेने वाला नहीं है।हमलोग वोट देते हैं और जीतने और सरकार बनने के बाद चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार हम ही लोग की बात नहीं सुनती है तो फिर वोट देने से क्या फायदा साथ ही संभावना जताया कि ग्रामसभा से निर्णय के बाद वोट बहिष्कार भी कर सकते हैं और जबतक खनन कंपनियों का आवंटन रद्द नहीं होता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।