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सावित्रीबाई फुले बुद्ध विहार कांडी के सुवर्ण भूमि पर 19 वीं वार्षिक सम्मेलन धूमधाम से मनाई गई।

 



गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।


 

एटीएच न्यूज़ 11:- गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय अवस्थित आंबेडकर चेतना परिषद के द्वारा सावित्रीबाई फुले बुद्ध विहार सुवर्ण भूमि के प्रांगण में 19 वां वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसका उद्घाटन करता बौद्ध  भिक्खु डॉ राहुल कुमार व डॉ अशोक शाक्य , अध्यक्षता गोपाल बौद्ध, केंद्रीय अध्यक्ष आंबेडकर चेतना परिषद झारखंड मुख्य अतिथि डॉ राहुल राज, व्याख्याता, इतिहास एवं पुरातत्व बीएचयू वाराणसी सत्र प्रबोधन डॉ विजय कुमार त्रिशरण संरक्षक एवं संस्थापक अध्यक्ष आंबेडकर चेतना परिषद विशिष्ट अतिथि  विद्या गौतम सोशल एक्टिविटिस्ट लखनऊ ,डॉ 0 एम 0भारती व्याख्याता दिल्ली। सभी बौद्ध धर्म के उपासकों के द्वारा 19 वां वार्षिक सम्मेलन धूमधाम से मनाया गयी। विशेष करके राजनीतिक परिवर्तन में सामाजिक संस्कृति परिवर्तन की भूमिका एवं कई प्रकार की विषय पर चर्चा किया गया सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तन में मूल निवासी महिलाओं की भूमिका इन सारी बातों पर लोगों ने बारी-बारी से लोगों को समझने का प्रयास किया गया।


इस कार्यक्रम में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । वही बौद्ध भिक्खु ने कहा कि कोई भी इमारत जितनी ही ऊंची होती है, इसकी बुनियादी उतनी ही गहरी होती है, सामाजिक- सांस्कृतिक परिवर्तन सता रुपी इमारत की बुनियादी होती है। जिस समाज की सांस्कृतिक चेतना की जड़ जितनी ही गहरी होगी उसे समाज का राजनीतिक भविष्य उतना ही सुरक्षित और दीर्घस्थाई होगा ‌। फिर उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार और समाज की धुरी होती है ।बाबासाहेब के अनुसार देवताओं के बाद महिलाओं का ही स्थान है, वे कहते हैं महिलाएं समाज की गहना होती हैं। महामानव ज्योतिराव फुले के अनुसार स्त्री पुरुषों से भी श्रेष्ठ होती है‌, क्योंकि सभी का कर्ज चुकाया जा सकता है। परंतु एक मां के रूप में स्त्री का कर्ज नहीं चुकाया जा सकता है। बुद्ध ने स्त्रियों को पुरुषों के समान ही गुरु और उपदेशक बनने का अधिकार दिया। परंतु भारतीय महिलाओं को समाज में समानता पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है। वहीं सभी ने बारी-बारी से अपनी सम्बोधन में कहा कि हम सभी को भगवान गौतम बुद्ध डॉ भीमराव आंबेडकर वह हमारे समाज के जितने भी महापुरुष हैं उनके बताए हुए मार्ग पर चलना हम सभी का कर्तव्य है वह अपने समाज को जागने का काम करना है ताकि हमारा समाज आगे की ओर बढ़ सकें। वही मौके पर उपस्थित तमाम बुद्ध को मानने वाले लोग मौजूद थे।

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