महराजगंज-शिकारपुर तुला दान एक प्राचीन हिंदू परम्परा है जिसमें किसी व्यक्ति को तराजू के बाएं पलड़े पर बैठाकर उसके वजन के बराबर दाएं पलड़े पर अनाज,वस्त्र,फल-फूल, सब्जी,मेवे ,सोना ,चांदी तथा अन्य वस्तुएं तौल कर दान दी जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार "मनसा वाचा कर्मणा '' अर्थात मन से,वचन से और कर्म से यदि किसी व्यक्ति द्वारा कोई पापजनित कार्य किए जा चुके हैं तो उसके मुक्ति का सशक्त मार्ग तुलादान है। यह बातें सदर विकास खंड के भिसवा स्थित श्रीराम, जानकी,हनुमान एवं शिव मंदिर के संयुक्त प्रांगण में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में मंगलवार को तुलादान के महत्व पर प्रवचन करते हुए वृंदावन धाम से पधारे आचार्य प्रेमभूषण जी महराज ने कही । उन्होंने आगे कहा कि तुलादान का सनातन परंपरा में बड़ा महत्व है। तुला दान करने से पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। ग्रहों से जुड़े दोष दूर होते हैं और आध्यात्मिक प्रगति होती है।आत्मा शुद्ध होती है और व्यक्ति को आत्मिक संतोष मिलता है। इस मौके पर यज्ञ समिति के अध्यक्ष व ग्राम प्रधान जयगोविंद गुप्ता व मंदिर के महंत रामकेवल दास जी महराज सहित डॉ0 कपूरचंद चौरसिया, रामनिवास गुप्ता, वैद्य अनिरुद्ध दास, बाबूराम यादव,रामराज,हरिचरन, अखिलेश गुप्ता,संजय गुप्ता,मुन्ना भाष्कर,रामदवन चौधरी, तीरथ साहनी,ठाकुर गुप्ता, विनोद गुप्ता,बिरजू गुप्ता, यशपाल विश्वकर्मा, विनोद प्रजापति, शेषनाथ मोदनवाल, महेंद्र मद्धेशिया, अम्बिका गुप्ता,दुर्गेश गुप्ता, व पुरुषोत्तम विश्वकर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने अमृत कथा का रसपान किया। महायज्ञ में प्रधान यज्ञाचार्य अवधेश पांडेय के नेतृत्व में प्रतिदिन वेद मंत्रों का पाठ और वृंदावन धाम से पधारी लीलामण्डल द्वारा दिन में रामलीला व रात में रासलीला का मंचन किया जा रहा है।
प्रभारी महराजगंज
कैलाश सिंह.