गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
एटीएच न्यूज़ 11:- झारखंड राज्य में खास कर गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट नजर आ रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होने के बजाय, व्यवस्था में काफी कमी दिख रही है। निजी अस्पताल सरकार के सह पर प्रतिदिन खुल रहे हैं, केवल इसलिए कि गरीबों की जेब खाली हो और मोटी रकम गरीबों से वसुली हों।राज्य सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है। उदाहरण के रूप में कांडी प्रखंड है। जहां प्रखंड मुख्यालय का एक ही सरकारी अस्पताल है, जहां गरीबों के स्वास्थ्य के प्रति सुविधा विहीन है। हालांकि कांडी प्रखण्ड में कई उप स्वास्थ्य केंद्र निर्मित है, जो केवल मंत्रमुग्ध स्थिति में नाम के लिए खड़े हैं। प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में निर्मित उपस्वास्थ्य केंद्र सुविधा विहीन हैं। बड़े-बड़े विभाग के नाम पर भवन है, किंतु डाक्टर व संसाधन विहीन है, केवल हाथी की दांत जैसे हैं। दिखाने का अलग और खानें का अलग और तो और कांडी मुख्यालय अवस्थित अस्पताल रहते हुए भी सुविधा विहीन है। इस अस्पताल में पानी, शौचालय बिजली, पंखा सहित समुचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है। हल्की हरीश में भी छत का पानी टपकता है। खिड़की, दरवाजा टूटा हुआ है। ताजुब की बात यह है कि डेढ़ लाख की जनसंख्या वाला कांडी प्रखंड मुख्यालय अस्पताल अभी तक पीएचसी से सीएससी का भी दर्ज़ा नहीं मिल सका है, जिससे यह अस्पताल सुविधा विहीन है। यही कारण है कि बड़े पैमाने पर निजी अस्पताल, जांच घर, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सेंटर खूब फल-फूल रहा हैं। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की यह व्यवस्था काफी निंदनीय है। उक्त सभी बातें भाजपा नेता रामलला दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया को बताई। उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था प्रखण्ड मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल में होना चाहिए वह व्यवस्था कुछ गिने चुने लोगों को मिल पा रहा है । हास्यपद यह भी है कि सरकारी अस्पताल के ठीक सामने ही एक अल्ट्रासाउंड सेंटर का शुभारंभ हुआ है, जब की प्रखण्ड मुख्यालय स्थित अस्पताल में अच्छी चिकित्सक की व्यवस्था ही नहीं है तो लगातार निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर क्यों खुल रहे हैं, यह दुर्भाग्य है। जबकि सरकारी अस्पताल में ही एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी अस्पताल में एक भी स्त्री विशेषज्ञ नहीं हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं का प्रसव सुरक्षित व्यवस्था के साथ हो सके। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्य समिति सदस्य रामलला दुबे ने मीडिया के माध्यम से आग्रह करते हुए कहा है कि कांडी हॉस्पिटल को सीएचसी का दर्ज़ा दिलाकर समुचित व्यवस्था कराई जाए। साथ ही कम से कम 24 घंटे ओपीडी के लिए एक महिला चिकित्सक व एक पुरुष एमबीबीएस डाक्टर की व्यवस्था कराई जाए। इसके अलावें प्रखण्ड मुख्यालय में लगातार खुल रहे निजी एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सेंटर पर निगाह रखते हुए गलत कार्यों पर रोक लगाई जाए। मैं झारखंड सरकार से अपील व प्रार्थना करते हुए कहा कि बहुत जल्द कांडी के जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
