डेहरी से रिंटू सिंह की रिपोर्ट।
ATH NEWS 11 :-आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के तत्वाधान में आर्य प्रतिनिधि उपसभा बिहार तथा युवा आर्य समाज के मार्गदर्शन में डीएवी पब्लिक स्कूल, लाजपत राय नगर, कटार, डेहरी के प्रांगण में अंतर प्रक्षेत्रीय चरित्र निर्माण शिविर का चार दिवसीय आयोजन हो रहा है। इस संबंध में डीएवी स्कूल कटार के प्राचार्य सह कार्यक्रम संयोजक एस के घोष ने बताया कि इसमें बिहार भर के कई डीएवी स्कूलों के लगभग 900 छात्र-छात्राएं व शिक्षक- शिक्षिकाएं भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह शिविर 10 अप्रैल 2025 से आरंभ होकर 13 अप्रैल 2025 को पूर्णता प्राप्त करेगी। यह शिविर शिक्षा के वास्तविक आयामों को, प्रतिस्थापित करेगा। इस शिविर के वैदिक सूक्तों का प्रवाह हमें विश्व- बंधुत्व व देश - प्रेम सभ्यता एवं संस्कृति का बोध कराएगा। इस शिविर के प्रथम दिन गुरुवार को उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहां की डीएवी स्कूल पौराणिकता एवं आधुनिकता का संगम है, जो वेद शास्त्रों के क्रियाकलापों के अनुसार बच्चों में उच्च कोटि का संस्कार भरते हुए आधुनिक युग की शिक्षा से उन्हें ओत प्रोत कराता है ताकि वह एक अच्छा इंसान बने, ताकि वह शिक्षा, चिकित्सा, प्रशासनिक पदाधिकारी वैज्ञानिक या अन्य किसी भी क्षेत्र में एक सफल इंसान रहे। उन्होंने शिक्षा का असली मकसद चरित्र का उत्तम होना बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों में चरित्र का निर्माण संस्कारों से होता है, संस्कारों का निर्माण विचारों से होता है जब विचार शुद्ध होगा तो आचरण उतम होगा। चरित्र व आचरण के आधार पर व्यक्ति की व्यक्तित्व की चर्या होती है। मानव का चरित्र ही अमर होता है। जिस देश के लोगों का चरित्र अच्छा होगा वह देश कभी भी ना पीछे रहेगा, ना किसी से झुकेगा, वह हर क्षेत्र में हमेशा आगे की ओर विजय होता रहेगा। उन्होंने कहा कि डीएवी के चरित्र निर्माण शिविर का अनुकरण आज देश भर के विद्यालयों द्वारा किया जा रहा है। जो डीएवी के लिए गौरव की बात है । उन्होंने कहा कि गांधी जी एक चरित्र थे वह सिर्फ व्यक्ति नहीं थे । उन्होंने उतम चरित्र के बल पर ही भारत को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही सभापति ने डीएवी मैनेजमेंट कमेटी को हर प्रकार से सहयोग करने की बात कही। उन्होंने सभी डीएवी स्कूलों में एक आर ओ प्लांट की भी स्थापना करने की बात कही।
वहीं कार्यक्रम की शुरुआत डीएवी के एच जोन के निदेशक राम आशीष राय, पटना क्षेत्र के निदेशक एस के झा तथा डीएवी स्कूल कटार के प्राचार्य एस के घोष तथा सासाराम डीएवी के प्राचार्य वीरेंद्र सिंह, औरंगाबाद के प्राचार्य विनय कुमार गुप्ता की उपस्थिति में सुबह में ओम ध्वाजारोहण के साथ हुआ। इसके पश्चात डीएवी स्कूल कटार, औरंगाबाद, गया ,अरवल, जहानाबाद, मसौढी ,पाली , सासाराम आदि के छात्र-छात्राओं ने हवन यज्ञ में भाग लिया । हवन, मंत्र से विद्यालय का वातावरण सुगंधमय, शांतिमय, व आनंदमय बन गया । वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह व डीएवी पब्लिक स्कूल के क्षेत्रीय निदेशक राम आशीष राय,डीएवी स्कूल कटार के प्राचार्य एसके घोष, बिहार पटना प्रक्षेत्र के निदेशक एस के झा, एच केसिंह एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं डीएवी स्कूल कटार के छात्रों द्वारा स्वागत गान तथा गायत्री मंत्र का नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित लोगों ने काफी सराहा। कार्यक्रम में विभिन्न प्रक्षेत्रों के डीएवी स्कूलों के प्राचार्य, प्रबंधक, शिक्षक- शिक्षिकाओं सहित सभापति के जिला प्रतिनिधि प्रकाश गोस्वामी, निजी सहायक आशीष कुमार, प्रो डॉ अनिल कुमार सिंह, महेंद्र ओझा उर्फ छोटी ओझा, भाजपा तिलौथू पूर्वी प्रखंड अध्यक्ष सह बीससूत्री उपाध्यक्ष ऋतुराज उपाध्याय, सियावक मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष रितेश सिंह , शशि भूषण प्रसाद,संजय सिंह बाला, पूर्व प्राचार्य जगत मोहन कुमार ,अमित राठौर, जय प्रकाश सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
वही मौके पर प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राम आशीष राय ने कहा कि डीएवी पब्लिक स्कूल की शुरुआत लाहौर के एक छोटे से कमरे से हुआ था जिस समय वहां मात्र केवल 12 छात्र थे, आज पूरे देश में डीएवी स्कूल संस्था बट वृक्ष का रूप ले लिया है। वहीं अन्य अतिथियों ने कहा कि महर्षि दयानंद का उसे समय पर्दापण हुआ जब हमारा देश जातिगत भेदभाव अंधविश्वास और रूढ़िवादी परंपराओं में जकड़ा था, आज उन्हीं की देन है कि हम इन रूढ़िवादी समस्याओं से धीरे-धीरे उठ रहे हैं । वही डीएवी से पढ़े हुए छात्रा की चरित्र के बारे में एक घटना का जिक्र सभापति ने बखूबी किया। संपूर्ण विश्व में चरित्र की शिक्षा भारत से ही मिलती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ संगीत शिक्षिका, शिक्षक राजू पाठक, संतोष कुमार सहित अन्य लोगों की सहभागिता रही। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन, सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण के अग्रदूत स्वामी दयानंद ना होते तो आज देश की आजादी और आजादी के बाद का सांस्कृतिक आंदोलन से देश के नौजवानों को देश को बढ़ाने की प्रेरणा न मिलती । कार्यक्रम में सभापति अवधेश नारायण सिंह को क्षेत्रीय निदेशक द्वारा शॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया, वहीं कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों को अंग वस्त्र एवं विद्यालय का प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
