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एक ओर भगवान ने बेटा छीन लिया तो दूसरी ओर बारिश ने सिर का छत। यह मार्मिक व्याथा है एक बुजुर्ग दंपती की आखिर मामला क्या है आइए जानते हैं खबर के माध्यम।

  गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।

 



एटीएच न्यूज़ 11:- एक ओर भगवान ने बेटा छीन लिया तो दूसरी ओर बारिश ने सिर का छत। यह मार्मिक व्यथा है एक बुजुर्ग दम्पत्ति की। चैन की सांस तो लोग ले रहे हैं, किंतु चैन की नींद कहाँ। चुकी बारिश के कारण मिट्टी का घर गिर गया। अब पूरा परिवार परेशान है। खबर है  गढ़वा जिले के कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत घटहुआँ कला पंचायत के रतनगढ़ गांव की, जहां तीन सदस्यीय परिवार निवास करता है। परिवार के मुखिया रघुनाथ राम ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए बताया कि उनका इकलौता बेटा मुकेश राम वर्षों पूर्व एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। तब से वे काफी चिंतित रहने लगे। चुकी उनका पुत्र ही मात्र किसी प्रकार मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था, जिसे भगवान ने छीन लिया। रघुनाथ राम, जिनकी उम्र लगभग 72 वर्ष है। इस प्रकार उम्र के लिहाज से वे मजदूरी भी करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक ओर भगवान ने बेटा छीन लिया तो दूसरी ओर बारिश ने सिर का छत। बता दें कि परिवार में कुल तीन सदस्य हैं, जिसमें रघुनाथ राम, पत्नी शांति देवी व एक पोती अर्चना कुमारी का नाम शामिल है। रघुनाथ राम ने बताया कि मेरा देश अंग्रजों से आजाद तो हुआ, किंतु मेरा जीवन, गरीबी से आजाद नहीं हुआ।


सरकारें बदलती रहीं, जन प्रतिनिधि बदलते रहे, किंतु मेरी परिस्थिति नहीं बदली। इस समय भी दूसरे व्यक्ति के पुराने कुआं से पानी लाकर पीना पड़ता है। मेरे पास एक चापाकल भी नहीं है, जिससे दो घूंट शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। आज भी उक्त परिवार प्राचीन काल के जैसा ही ढिबरी युग में रहने को विवश है। इस परिवार को बिजली भी नसीब नहीं है। केवल इतना ही नहीं, उक्त परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना या अबुआ आवास योजना का लाभ भी नहीं मिला है। इससे प्रतीत होता है कि योग्य लाभुकों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार व राज्य सरकार गरीबों के लिए लगातार योजनाएं चला रही है, जिससे गरीब तबके के लोगों को सरकारी आवास योजना का लाभ मिल सके। किंतु, कांडी प्रखण्ड के सभी पंचायतों में अब तक ऐसे कई गरीब परिवार के पास मिट्टी का खपड़ैल घर देखने को मिल जाएगा। सवाल यह कि आखिर कब तक गरीबों के पास पक्का आवास होगा या फिर वे यूं ही टूटे-फूटे, गिरे-पड़े मिट्टी के घर में या फुस

की झोपड़ी में रहने को विवश रहेंगे या फिर इसी प्रकार पक्का घर के लिए तरसते रहेंगे।  इस संबंध में पूछे जाने पर पंचायत मुखिया कौशल्या देवी के प्रतिनिधि अरुण कुमार राम ने बताया कि पूरी कोशिश करूंगा कि उक्त गरीब परिवार को आवास योजना का लाभ शीघ्र मिले। जबकि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय ने कहा कि उक्त गरीब परिवार को अम्बेडकर आवास योजना के तहत जल्द ही आवास का लाभ दिया जाएगा। क्यों की इस बात की जानकारी मुझे नहीं था लेकिन अब मुझे जानकारी मिली है मैं हर सम्भव प्रयास करुंगा ताकि बहुत जल्द उस परिवार को अंबेडकर आवास योजना का लाभ मिलेगा।

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