*नई दिल्ली:* केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में कहा है कि 21 साल से कम उम्र के लिव-इन कपल्स की जानकारी उनके माता-पिता को नहीं दी जाएगी। इस फैसले के बाद से समाज में बहस छिड़ गई है। कई लोगों का मानना है कि यह फैसला युवाओं की आजादी का समर्थन करता है, जबकि कुछ इसे परिवारिक मूल्यों और सामाजिक संरचना के लिए खतरा मानते हैं।
सरकार का तर्क है कि यह फैसला युवाओं की निजता और स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए है। वहीं, विपक्ष और सामाजिक संगठन इसे गलत दिशा में उठाया गया कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे परिवारों में तनाव बढ़ सकता है और गलत रास्ते पर जाने वाले युवाओं को प्रोत्साहन मिल सकता है।
*क्या है लिव-इन रिलेशनशिप:*
लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसा संबंध है जहां दो लोग बिना शादी के एक साथ रहते हैं। भारत में इसे लेकर कई कानूनी और सामाजिक मुद्दे रहे हैं।
*भविष्य के संकेत:*
यह फैसला आने वाले समय में युवाओं के जीवन और समाज पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। अब देखना यह है कि इस फैसले पर किस तरह की प्रतिक्रियाएं आती हैं और इसका भविष्य क्या होगा।
*क्लोजिंग:*
सरकार और समाज के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि कैसे युवाओं की स्वतंत्रता और सामाजिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाया जाए। इस मुद्दे पर सभी पक्षों की राय महत्वपूर्ण है।
