निज सूचनार्थ:-
संवाद सूत्र(एटीएच न्यूज़ 11):- औरंगाबाद के गोह प्रखंड में आये दिनों कोई ना कोई घटना खूब चर्चित हो जाती है। ये घटना है गोह थाने से एक पत्रकार को अपमानित कर निकाले जाने की। संबंधित पत्रकार लंबे समय से पत्रकारिता के नाम पर दलाली के लिए मशहूर रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को पोस्ट किया जा रहा है।
इससे पहले भी दलाली का हो चुका है ऑडियो वायरल:-
थाने से निकाले गये पत्रकार का नाम गौतम बताया जा रहा है, जो कि गोह प्रखंड से दैनिक जागरण के संवाद सहयोगी (संवाददाता नहीं) हैं। सोशल मीडिया पर अब तक जो बातें कही जा रही हैं, उसके मुताबिक गौतम को गोह थाने से अपमानित कर निकाल दिया गया। कहा जा रहा है कि थाने के लोग भी इसकी दलाली से परेशान थे। उस पर लोगों से पैसे लेकर केस मैनेज करवाने के आरोप भी लगे हैं। गौतम न सिर्फ थाने में, बल्कि प्रखंड कार्यालय और अंचल कार्यालय के लिए भी लंबे वक्त से दलाली करता रहा है। इससे संबंधित बीते साल उसका एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था उस वक़्त ये एटीएच न्यूज़ 11 की पत्रकारिता के आड़ मे ये अंजाम दिये थे जिसकी वायरल ऑडियो में गौतम एक भूमि विवाद के सिलसिले में अंचलाधिकारी को पैसे देने की बात विस्तृत रूप से कर रहा था। वह ऑडियो अब भी गोह के दर्जनों मोबाइल में मौजूद है।
अब वही समय बीतते ही गौतम फिर से एक बार चर्चा में है। गोह थाना के एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि गौतम लंबे समय से थाना में दलाल के रूप में सक्रिय था। वह आता तो था एक पत्रकार बनकर, लेकिन थाने में आते ही दलाल बन जाता था। वह हर दिन किसी न किसी केस को मैनेज कराने के चक्कर में रहता था। इसके लिए वह संबंधित आईओ को कभी परेशान करता था तो कभी दूसरे स्टाफ को। दलाली के ही चक्कर में रोज घंटों तक थाने में बैठा रहता था। इससे थाने के स्टाफ काफी असहज महसूस करते थे। आखिरकार पुलिसकर्मियों के सब्र का बांध टूट गया।
खुश हैं स्थानीय पत्रकार:-
गौतम के साथ हुए बर्ताव से गोह के पत्रकारों में भी खुशी है। कई पत्रकार गौतम की हरकतों के कारण शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे। जो लोग गंभीरता से पत्रकारिता करते हैं, उन्हें भी गौतम के कारण लोगों के ताने सुनने पड़ते थे। स्थानीय पत्रकारों ने इस बात पर पहले ही हैरानी जताई थी कि वर्षों से दलाली के लिए बदनाम व्यक्ति को दैनिक जागरण जैसा अखबार आखिर अपना सहयोगी क्यों बना रहा है।
और आपको बतादे की इसतरह की हुई हरकत से गौतम को गालीगलौज करते हुए थाने से बाहर किया गया है।वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि गौतम अपनी दलाली के चक्कर में सुलह होनेवाले मामलों को भी गंभीर बना दिया करता था। एक पक्ष से पैसे लेकर पुलिस पर दूसरे पक्ष को कमजोर करने का दबाव बनाता था। गौतम के आगे के बर्ताव को लेकर दो तरह की बातें कही जा रही हैं। कुछ का मानना है कि गौतम इस बेइज्जती के बाद सुधर जाएगा तो कुछ का मानना है कि पक्के घड़े पर मिट्टी नहीं चढ़ती।हालांकि कुछ स्थानीय लोगो की कथन है कि इतनी ओछी कार्य करने के बाद अगर फिर कोई मीडिया हाउस उसे पत्रकारिता में लाता है तो ये लानत होगी पत्रकारिता की।
