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औरगांबाद विष्णुधाम महोत्सव को राजकीय दर्जा नहीं प्राप्त होना दुर्भाग्यपूर्ण-अजीत कुमार सिंह .




ATHNEWS 11 :-अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने कहा  विष्णुधाम महोत्सव को अबतक राजकीय दर्जा नहीं प्राप्त होना हमलोगों के लिए दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। विष्णुधाम महोत्सव के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की जम्होर एवं भूपतपुर पंचायत की सीमा रेखा से सटे  पुनपुन बटाने संगम  स्थल  एक अत्यंत पौराणिक एवं धार्मिक स्थल है। यहां पे  अवस्थित मंदिर में भगवान विष्णु की अलौकिक एवं अद्भुत  चतुर्भुज प्रतिमा है। जिसे देखते ही निगाहें हटाने को जी नहीं चाहता है। अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी मानो अब बोल पड़ेंगे।  आस्था ऐसी कि न केवल औरंगाबाद जिले के लोग बल्कि रोहतास, कैमूर, अरवल ,गया पलामू आदि जिलों के लाखों लोग कार्तिक पूर्णमासी के दिन इस संगम स्थल पे स्नान कर भगवान विष्णु जी का लाभकारी दर्शन प्राप्त करते हैं। वर्षों से उक्त अवसर पे  दो दिवसीय मेला लगता है। जो पूर्ण तया सरकारी है एवं बिहार सरकार के राजस्व विभाग के अधीन है। अब यह औरंगाबाद पंचायत समिति के अधीन है।  जिले में दो ही सरकारी मेला  है जो आस्था एवं सनातन धर्म से जुड़े हैं एक देव छठ मेला दूसरा जम्होर कार्तिक पूर्ण मासी मेला । जिसमें जिला प्रशासन औरंगाबाद के द्वारा कई  दंडाकारी भी विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रतिनियुक्त किए जाते हैं। यह दो लोकसभा क्षेत्र काराकाट एवं औरंगाबाद  के अंतर्गत है।


मेला औरंगाबाद अंचल  में  तो विष्णुधाम मंदिर एवं संगम स्थल बारुण अंचल के अंतर्गत आता है। जम्होर एवं भूपतपुर पंचायत दोनों ही का क्षेत्र है। फिर भी अविकसित है।  पितृ पक्ष मेले के दो प्रतीक चिन्ह अभी भी यहाँ मौजूद है एक कोलकाता के सेठ सूरजमल बडजात्या द्वारा निर्मित दो एकड़ में फैला धर्मशाला तो दूसरा अंग्रेजों के शासनकाल से ही  पाल्मर गंज हॉल्ट अब अनुग्रह नारायण रोड हाल्ट। यह पितृपक्ष मेले में  प्रथम पिंड दान देने आए यात्रियों के लिए था। शायद यह पहला रेलवे स्टेशन है जो केवल पंद्रह दिनों के लिए  ही चालू होता है। पितृ पक्ष मेले के दौरान प्रायः अधिकांशतः मेल,एक्सप्रेस एवं पैसेंजर गाड़ियों का यहां ठहराव होता है। इस दौरान इस स्थल पे यात्रियों के लिए  एक रेलवे का  अस्थाई टिकट काउंटर  एवं  स्वास्थ्य कैंप  एवं भोजशाला भी होता था। साक्ष्य के लिए अभी भी अवशेष बचे है। 

  जिला प्रशासन औरंगाबाद एवं राजनेताओं की उदासीनता के कारण यह स्थल विकास से अछूता है। जिला, राज्य ,देश एवं दुनिया के मानचित्र पे इस स्थल को स्थापित करने एवं व्यापक प्रचार प्रसार हेतु वर्ष 2021 से विष्णुधाम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। एवं उसमें महोत्सव को राजकीय दर्जा देने, एवं पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग  पुरजोर ढंग से जिला प्रशासन एवं राजनेताओं से की जाती है पर अफसोस  की अब तक इसपे कोई करवाई नहीं हो सकी। जबकि चुनाव के वोट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यहां काफी मतदाता हैं। जिनकी नाराजगी से कई कुर्सियां इधर से उधर हो जाएंगी। इस जिले में कई महोत्सवों को राजकीय दर्जा प्राप्त हो चुका है। विष्णुधाम महोत्सव को अब तक  राजकीय दर्जा प्राप्त नहीं होना  लोगों को आश्चर्य में डाल रहा है।


विष्णु धाम महोत्सव के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने कहा कि यदि  इस वित्तीय वर्ष के दौरान इस महोत्सव को राजकीय दर्जा प्राप्त नहीं होता है और विष्णुधाम स्थल को पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाता है तो  दिसंबर एवं जनवरी माह में नबीनगर एवं औरंगाबाद विधान सभा क्षेत्र में   रथ यात्रा  निकाल लोगों को इस धाम की महत्ता पे नुक्कड़ सभा के माध्यम से जागरूक किया जाएगा एवं उन लोगों को चिन्हित कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा जो इस कार्य में बाधक बन रहें हैं। साथ ही आवश्यकता पड़ने पे जिला प्रशासन के समक्ष धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।

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