बस्ती से पवन चौरसिया की रिपोर्ट।
कलवारी, बस्ती - विकास क्षेत्र बहादुरपुर स्थित शिव मन्दिर खखोड़ा में चल रहे आदर्श रामलीला में कलाकारों ने मुनि आगमन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार तथा गंगाघाट की लीला का मनमोहक मंचन किया। लगातार वर्षों से हो रही रामलीला में कलाकारों ने दिखाया कि राक्षसों द्वारा बार - बार यज्ञ विद्ध्वंष किये जाने से आहत मुनि विश्वामित्र अयोध्या पंहुचे। यज्ञ सकुशल सम्पन्न कराने हेतु यज्ञ की रक्षा करने के लिए राजा दशरथ से राम लक्ष्मण को मांगा। उनके कम उम्र वास्ता देते हुए राजा ने दोनों सुकुमारों को देने से मना कर देते है। गुरू ब्रम्हर्षि वशिष्ठ के सलाह पर राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को मुनि को सौप उनसे शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा देने का भी आग्रह किया। विश्वामित्र के आश्रम बक्सर जाते समय रास्ते में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रासक्षी ताड़का का वध कर दिया।
आश्रम पहुंचने पर श्रीराम ने मुनि विश्वामित्र को यज्ञ प्रारम्भ करने का आग्रह किया। यज्ञ के दौरान विघ्न डालने पंहुचे सुवाहु आदि राक्षसो का राम ने वध कर दिया जबकि मारीच को बिना फर का वाण मारा जिससे वह कई योजन दूर जा गिरा। यज्ञ पूर्ण होने पर विश्वामित्र ने राम व लक्ष्मण को शस्त्र की शिक्षा दिया। उसी समय मुनि विश्वामित्र को महराज जनक का पत्र मिला जिसमें सीता स्वयंवर देखने का आग्रह किया गया था। जनकपुर जाते समय स्त्री स्वरूप में शिला देख राम ने मुनि से कारण पूंछा। मुनि ने बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या है जो पति श्राप के कारण पत्थर हो गयी है।
आपके चरण रज की प्रतिक्षा में है, जैसे ही राम ने अपने पैर से शिला को छुआ वह सुन्दर स्त्री बन गयी। स्त्री बनने के बाद अहिल्या ने अपने साथ हुए छल को करूणा पूर्वक बताया तो उपस्थित लोगो की आंखे भर आयी।
इस मौके पर मुख्य रूप से चन्द्रभान चौबे, संदीप, रामगोपाल, बाबूराम, रामनिरंजन, प्रदीप, हरिहर, सीमा, पुष्पांजलि, रीना, अनुभवी, गीता, माला, श्रद्धा, मीरा, राजमणि, धनंजय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।