संजय कुमार चौरसिया ब्यूरो रिपोर्ट बस्ती।
कलवारी - रामकथा मानव जीवन का दर्पण है। इस दर्पण से देखने पर मानव के हृदय से कलुष, अहंकार और अंधकार समाप्त कर उसके हृदय मे पवित्रता, प्रेम, सदभाव, सहानुभूति तथा समाजिकता का संचार कर मानव को आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है ।
यह सदविचार अवध धाम से आयी कथा वाचिका प्रतिभा मिश्रा ने हट्ठी माता मन्दिर अगौना में आयोजित शतचण्डी महायज्ञ के दौरान चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीरामकथा के दूसरे दिन ब्यास पीठ से प्रवचन सत्र मे ब्यक्त किया। उन्होंने श्रीराम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत का जीवन सरल होता है ऐसा बाबा तुलसी दास जी मे देखने को मिला। उन्होने मानस की रचना कर लोगों को भगवान से जोड़ने का कार्य किया है। मानस के सरोवर मे गिरने से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। इसमे जाने का मुख्य साधन राम कथा है जिस तरह भाषा की शुद्धि ब्याकरण से होती है। उसी तरह जीवन की शुद्धि रामचरित्र मानस से होती है। और राम कथा जीवन मे क्रांति लाकर मानव को शुद्ध बनाती है।
कथा में मुख्य रूप से मुख्य यजमान मग्घू प्रजापति, यज्ञाचार्य सुरेन्द्र शास्त्री, पुजारी घण्टी बाबा, आयोजक प्रिन्स यादव, हरिश्चन्द्र दास, यशपाल यादव, पप्पू यादव, बबलू अग्रहरि, शंकर प्रजापति, राजन, अरविंद, विजय कुमार यादव, राहुल शर्मा, आकाश अग्रहरि, जिलाजीत, गणेश अग्रहरि, मनोज अग्रहरि, भोलेनाथ, अनिल, अमरनाथ, राम अशीष प्रजापति सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।