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काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष पर लखनऊ में होगा 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल, देश-विदेश से आएंगे फिल्मकार और इतिहासकार.



अखिलेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट .


लखनऊ। आज़ादी की लड़ाई के ऐतिहासिक पड़ाव काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी के मौके पर इस बार 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल राजधानी लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय यह आयोजन 6, 7 और 8 अगस्त 2025 को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सभागार में होगा।


फेस्टिवल का पोस्टर विमोचन कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ। कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रो. वी.एम. रवि कुमार ने विषय का परिचय कराया, संचालन डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने किया और प्रो. एस. विक्टर बाबू ने काकोरी एक्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।


कार्यक्रम के आयोजन में महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती और इतिहास विभाग, बीबीएयू की भूमिका प्रमुख रही। आयोजन समिति में डॉ. शाह आलम राणा, प्रो. शाह अयाज़ सिद्दीकी, जी.पी. सिन्हा, किरण बाला चौधरी, अरविंद सिंह और प्रतीक्षित सिंह शामिल रहे।



तीन दिन में होंगे विविध कार्यक्रम.....


महोत्सव के दौरान काकोरी केस से जुड़ी दुर्लभ सामग्रियों की प्रदर्शनी, ऐतिहासिक फिल्मों का प्रदर्शन, सेमिनार, किस्सागोई, चित्रकला और क्विज प्रतियोगिता, फिल्म कार्यशाला और पुस्तक विमोचन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


इस बार फेस्टिवल में दो विशेष प्रसंग शामिल किए गए हैं...



1. रक्षाबंधन पर्व को क्रांतिकारियों की भावना से जोड़ते हुए अमर सेनानियों को राखी के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाएगी।



2. स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया जाएगा। उनके योगदान को चित्रों और प्रस्तुतियों के माध्यम से सामने लाया जाएगा।




32 से अधिक देशों की भागीदारी....


इस वर्ष फेस्टिवल में 32 से अधिक देशों से फिल्मकार, लेखक, इतिहासकार और शोधार्थी शामिल हो रहे हैं। इसमें जापान, अमेरिका, फ्रांस, ब्राज़ील, यूके, रूस, नेपाल, तुर्की, मेक्सिको, इटली सहित अन्य देश शामिल हैं।


फेस्टिवल में 290 से अधिक फिल्मों में से चुनिंदा फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। यह फिल्में सामाजिक सरोकार, इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित होंगी।


अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी करेगी मूल्यांकन.....


फिल्मों का चयन एक अनुभवी अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया गया है, जिसमें शामिल हैं —


आंद्रेआ फॉर्टिस (इटली) – निर्देशक व संपादक


रघुनाथ मानेट (फ्रांस) – संगीतकार और फिल्म निर्माता


अनुषा श्रीनिवासन अय्यर – लेखक और पर्यावरण कार्यकर्ता


धीरज कश्यप – फिल्म निर्माता, असम


डॉ. दीप्ति शर्मा – टीवी पत्रकार


संजीव विरमानी – अभिनेता व निर्देशक



बिना स्पॉन्सर के आयोजित होने वाला प्रमुख फिल्म समारोह


अयोध्या फिल्म फेस्टिवल पिछले 18 वर्षों से बिना किसी कॉर्पोरेट स्पॉन्सर के निरंतर आयोजित हो रहा है। डॉ. शाह आलम राणा द्वारा स्थापित यह फेस्टिवल अब एक अंतरराष्ट्रीय पहचान बन चुका है। फेस्टिवल चेयरमैन प्रो. मोहन दास के मुताबिक इस बार भी दर्शकों को प्रवेश निःशुल्क रहेगा और यह आयोजन समाज, संस्कृति और इतिहास से सीधे संवाद का माध्यम बनेगा।


पहली बार लखनऊ में आयोजन


अब तक यह फेस्टिवल अयोध्या में होता रहा है, लेकिन इस बार काकोरी केस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और मुकदमे के लखनऊ से जुड़े होने के चलते इसे राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। महुआ डाबर संग्रहालय द्वारा वर्षभर देशभर में काकोरी नायकों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए गए और यह समारोह उनकी श्रृंखला का अंतिम व सबसे महत्वपूर्ण आयोजन है।


युवाओं को मिलेगा मंच....


फेस्टिवल में विद्यार्थियों, शोधार्थियों, युवा फिल्मकारों और कलाकारों को अपनी रचनात्मकता दिखाने और सीखने का अवसर मिलेगा। फिल्मों के माध्यम से सामाजिक चेतना को जागृत करने का प्रयास किया जाएगा।


अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2025 में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया है। यह महज एक फिल्म समारोह नहीं, बल्कि आज़ादी के अमृतकाल में अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाला एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पुल है।

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